लखीसराय
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो महीने बाद फिर बिहार आ रहे हैं। गुरुवार 29 जून को उनकी लखीसराय में जनसभा प्रस्तावित है। यह इलाका मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में आता है। यहां से अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सांसद हैं। बीजेपी ने जेडीयू से यह सीट छीनने की रणनीति तैयार कर ली है। माना जा रहा है कि बीजेपी यहां से अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतार सकती है। अब तक यहां से बीजेपी के सहयोगी दल लड़ते आए हैं। इससे पहले बीते एक अप्रैल को शाह बिहार आए थे और पटना एवं नवादा में बीजेपी के कार्यक्रम में शिरकत की थी।
गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार सुबह लखीसराय पहुंचेंगे। वे अशोक धाम मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। वहां से सीधे सूर्यगढ़ा गांधी मैदान पहुंचेंगे, जहां बीजेपी की विशाल जनसभा का आयोजन किया जाएगा। रैली के बाद शाह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के आवास पर जाएंगे। सिन्हा के घर प्रदेश बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक होगी, जिसमें लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी।
लखीसराय में सुरक्षा कड़ी
अशोक धाम मंदिर के पास हेलीपेड स्थल से लेकर गांधी मैदान तक होने वाले सभा स्थल तक पुलिस छावनी में तब्दील होगा। इसके लिए रूट चार्ट निर्धारित किया गया है। जिन पुलिसकर्मियों की जहां ड्यूटी लगेगी वे मुस्तैदी के साथ आस पास निगाह रखते हुए जांच करेंगे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अशोकधाम मंदिर में पूजा अर्चना के बाद कारकेड पुलिस सुरक्षा निगरानी में गांधी मैदान के सभास्थल तक पहुंचेगा।
मुंगेर सीट बीजेपी के लिए चुनौती
बीजेपी ने पिछले साल देशभर में ऐसी लोकसभा सीटों की लिस्ट तैयार की थी, जिनपर पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है या आगामी चुनाव में कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। बिहार में ऐसी 10 से 12 सीटें हैं जिनमें मुंगेर भी शामिल है। ऐसी लोकसभा सीटों पर पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा भी इसी रणनीति का हिस्सा है। बीजेपी किसी भी हालत में मुंगेर सीट पर अपनी जीत चाहती है। इसके लिए मंडल से लेकर बूथ स्तर तक पदाधिकारी प्रचार अभियान में जुटे हैं।
पिछले कुछ चुनावों के परिणाम पर नजर डालें तो 2004 में मुंगेर सीट आरजेडी के कब्जे में थी। फिर जेडीयू के ललन सिंह ने एनडीए में रहते हुए यहां से 2009 में जीत दर्ज की। 2014 में ललन सिंह बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन उन्होंने एनडीए की उम्मीदवार लोजपा की वीणा देवी ने हरा दिया। 2019 में जेडीयू वापस एनडीए में आई और ललन सिंह दोबारा यहां से जीतकर सांसद बने। अब जेडीयू फिर से एनडीए छोड़ महागठबंधन में चली गई है। महागठबंधन की की ओर से इस सीट पर ललन सिंह के चुनाव लड़ने के पूरे कयास हैं। वहीं, बीजेपी 2024 में यह सीट गठबंधन के किसी अन्य सहयोगी को न देकर, यहां से अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारने के मूड में है।