शिक्षक भर्ती पर चौतरफा घिर रही नीतीश-तेजस्वी सरकार, लेफ्ट खिलाफ, बीजेपी का 13 जुलाई को विधानसभा मार्च

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पटना

शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति हटाने को लेकर नीतीश सरकार चौतरफा घिरती नजर आ रही है। विपक्ष तो पहले से ही शिक्षक भर्ती नियमावली में किए गए बदलाव को लेकर सरकार पर हमलावर है। तो वहीं नीतीश सरकार के साथी भाकपा माले और सीपीआई भी विरोध में आ गए है। अब नीतीश सरकार को विपक्ष के अलावा शिक्षक अभ्यर्थियों, और समर्थक दलों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है।

13 जुलाई को बीजेपी का मार्च
शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन के खिलाफ शनिवार को शिक्षक अभ्यर्थियों ने पटना में मार्च निकाला। पुलिस के रोकने पर जब छात्र नहीं रुके तो लाठीचार्ज कर दिया। जिसमें कई छात्रों को चोटें आई है। लेकिन अब शिक्षक अभ्यर्थियों को बीजेपी का साथ मिल गया है। छात्रों के समर्थन में बीजेपी 13 जुलाई को गांधी मैदान से विधानसभा तक मार्च निकालेगी। और नीतीश सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगी। जिसमें भाजपा के विधायक, विधान पार्षद समेत कार्यकर्ता शामिल होंगे।

शिक्षक भर्ती नियमावली में बदलाव का विरोध
बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि 13 जुलाई को बीजेपी शिक्षक भर्ती नियमावली में किए गए संशोधन के खिलाफ मार्च निकालेगी। और नीतीश सरकार से युवाओं को रोजगार देने की मांग करेगी। इससे पहले शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने शिक्षक भर्ती में बाहरी छात्रों के समायोजन पर कहा था कि  अंग्रेजी, विज्ञान, गणित में अच्छे अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं। जिससे सीटें खाली रह जाती थी, बाहरी छात्रों को मौका मिलने से बिहार को गणित, विज्ञान के अच्छे शिक्षक मिल सकेंगे। जिसे बीजेपी ने बिहार का अपमान करार दिया था।

भाकपा माले ने भी नीतीश सरकार को घेरा 
वहीं दूसरी तरफ बिहार महागठबंधन सरकार में सहयोगी भाकपा माले ने भी शिक्षक भर्ती में बाहरी छात्रों को शामिल करने के नीतीश सरकार निर्णय का विरोध किया था और तत्काल वापस लेने की मांग की। भाकपा माले के बिहार सचिव कुणाल ने कहा कि राज्य में शिक्षकों की भर्ती में डोमिसाइल नीति को हटाने का सरकार का निर्णय बेहद अनुचित और शिक्षक की तैयारी कर रहे बिहार के युवाओं के खिलाफ है। जब बिहार में हजारों बेरोजगार युवा शिक्षक की नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं, वैसी स्थिति में सरकार का यह फैसले स्वीकार्य नहीं है। राज्य सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए। ऐसे में अब शिक्षक भर्ती मामले पर नीतीश सरकार अपने सहयोगी दलों समेत विपक्ष और अभ्यर्थियों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है।

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