पटना
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर विपक्षी एकजुटता की मुहिम धीरे-धीरे रंग ला रही है। एनसीपी और शिवसेना (यूबीटी) ने मोर्चेबंदी में साथ आने के पक्ष में सहमति जताई है। कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में प्रस्तावित विपक्षी दलों की बैठक में शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे और एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार भी शामिल होंगे। जेडीयू नेता एवं बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर गुरुवार को नीतीश का संदेश लेकर महाराष्ट्र पहुंचे। उन्होंने उद्धव और पवार से मुलाकात कर विपक्षी एकजुटता के लिए पटना में होने वाली बैठक में आने का न्योता दिया।
जेडीयू सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी नेता शरद पवार ने पूरी गर्मजोशी के साथ देवेश चंद्र ठाकुर का स्वागत किया। दोनों नेताओं से ठाकुर की अलग-अलग मुलाकात हुई। ये मुलाकातें करीब घंटे भर चलीं। हालांकि, जेडीयू ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया है। हालांकि, बताया जा रहा है कि ठाकुर ने नीतीश की ओर से महाराष्ट्र के दोनों वरिष्ठ नेताओं को विपक्षी एकजुटता की मुहिम में साथ जुड़ने का आग्रह किया।
उन्होंने शरद पवार और उद्धव ठाकरे को कर्नाटक चुनाव के बाद पटना में होने वाली विपक्षी दलों की अहम बैठक में शामिल होने का न्योता भी दिया। ठाकरे और पवार ने गर्मजोशी से न सिर्फ नीतीश के प्रस्ताव का स्वागत किया बल्कि पटना में प्रस्तावित बैठक में शामिल होने का भरोसा भी दिया। इस मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि एनसीपी और शिवसेना यूबीटी विपक्षी मोर्चेबंदी की पक्ष में है। दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने पटना की बैठक में आने पर सहमति दी है।
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और वाम दलों के प्रमुखों से मुलाकात की थी। सभी ने 2024 में बीजेपी के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी पर सहमति दी। ममता बनर्जी ने नीतीश से विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में आयोजित करने का आग्रह किया। इसके बाद से मोर्चेबंदी के लिए विपक्षी नेताओं का जुटान पटना में होना तय है। इसकी तारीख कर्नाटक चुनाव होने के बाद फाइनल कर दी जाएगी।