औरंगाबाद
औरंगाबाद जिला अपनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। राजधानी पटना से इस शहर की दूरी करीब 140 किलोमीटर है। इतिहासकारों के मुताबिक मगध में सबसे बड़े और मजबूत साम्राज्यों में से एक औरंगाबाद था। ये जिला झारखंड से सीमा पर स्थित है। ये शहर ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान रखता है। घूमने के लिहाज से औरंगाबाद में कई ऐसे स्थल हैं जिसे एक्सप्लोर किया जा सकता है। आज की स्टोरी में हम आपकों ऐसे की टूरिस्ट स्पॉट के बारे में बताने जा रहे हैं।
बिहार के प्राचीन और अनोखे मंदिरों में से एक सूर्य मंदिर है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने इस मंदिर निर्माण एक रात में किया था। ये एकमात्र ऐसा सूर्य मंदिर है जिसका दरवाजा पश्चिम की ओर है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान सूर्य की सात रथों पर सवार प्रतिमा है। इतिहासकारों की मानें तो औरंगाबाद से 10 किलोमीटर दूर स्थित इस मंदिर का निर्माण चंद्रवंसी राजा भैरेंद्र सिंह द्वारा बनाए गए थे।
दाऊद का किला
औरंगाबाद के ऐतिहासिक पर्यटक स्थलों में से एक दाऊद का किला है। ये प्राचीन किला शहर के दाउदनगर में स्थित है। इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में दाऊद खान से करवाया था। अब इस किले ने खंडहर का स्वरूप ले लिया है। हालांकि अब भी किले की ऊंची-ऊंची दीवारें और गेट देखने को मिल जाते हैं।
उमगा सूर्य मंदिर
औरंगाबाद के प्राचीन मंदिरों में से एक उमगा सूर्य मंदिर है। ये मदनपुर ब्लॉक में स्थित है। इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां तक पहुंचने के लिए ट्रैकिंग करना पड़ता है। मंदिर की खूबसूरत नक्काशी श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। उमगा सूर्य मंदिर के पास ही उमंगेश्वरी देवी का भी मंदिर है। नवरात्रि के समय यहां दूर-दूर से श्रद्धालुओं की यहां दर्शन करने आते हैं।
अमझर शरीफ दरगाह
इस्लाम धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक केंद्रों में से एक अमझर शरीफ दरगाह है। ये हजरत सैयद मोहम्मद कादरी की दरगाह है। यहां दूर-दूर से लोग दुआएं मांगने आते हैं।