पटना
पटना यूनिवर्सिटी इन दिनों फिर से बमबारी की घटना से दहशत के साए में है। इस बीच विश्वविद्यालय प्रशासन ने गुरुवार से हो रही घटनाओं को लेकर काफी सख्ती दिखाई है। मामले में एफआईर दर्ज किए जाने के बाद पटना कॉलेज के तीन हॉस्टलों को 24 घंटों के भीतर खाली करने का आदेश दिया गया है। बमबाजी, फायरिंग और मारपीट की घटनाओं से कैंपस में दहशत का माहौल है।
13 जुलाई को पटना कॉलेज के इकबाल हॉस्टल और जैक्सन हॉस्टल के छात्रों के बीच मारपीट हुई। उसके बाद 3 दिनों से धमाके हो रहे थे। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम उठाया है। पटना कॉलेज के इकबाल हॉस्टल, जैक्सन हॉस्टल के साथ-साथ मिंटो हॉस्टल को भी खाली करने का आदेश दिया गया है। 13 जुलाई को हुई मारपीट की घटना में केस भी दर्ज कराया गया है। पुलिस ने बताया कि कैंटीन के पास छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प के बाद पत्थरबाजी, बमबारी और गोलीबारी शुरू कर दी गई। हालात को संभालने के लिए पुलिस को 14 राउंड फायरिंग भी करनी पड़ी। उसके बाद छात्र फरार हो गए।
इस मामले में बीएमसी डिपार्टमेंट के एक प्रोफेसर का नाम सामने आया है। 2 छात्रों ने पुलिस के समक्ष दिए बयान में कहा है की प्रोफ़ेसर साहब गुटबाजी कराते हैं जिससे छात्रों के बीच मारपीट हुई है। मामले में दर्ज एफआइआर में 10 छात्रों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
हॉस्टल बंद करने के निर्देश के साथ विश्वविद्यालय में छात्रावास में नए कमरे का अलॉटमें और रिन्यूअल पर भी रोक लगा दिया गया है। पटना यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर डॉ रजनीश कुमार ने बताया कि हालात को शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। विश्वविद्यालय और प्रशासन का अगला आदेश आने के बाद छात्रावास अलॉटमेंट और रिन्यूअल की प्रक्रिया शुरू होगी।
इस बीच पुलिस सीसीटीवी फुटेज खोज रही है ताकि आरोपियों की पहचान हो सके। आसपास के इलाकों में घरों में कैमरा की तलाश की जा रही है । पुलिस प्रशासन ने पटना विश्वविद्यालय से पूरे कैंपस और हौसलों में सीसीटीवी कैमरा लगाने आग्रह गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा है कि जल्द ही इस संबंध में कार्रवाई शुरू की जाएगी।