पटना
पढ़ाई छोड़ चुके 15 से 19 साल के छात्र-छात्राओं की घर-घर जाकर खोज होगी। मैट्रिक के बाद 20 से 25 तो इंटर के बाद 30 फीसदी से अधिक छात्र पढ़ाई छोड़ रहे हैं। इस उम्र के ड्रॉप आउट की बढ़ती संख्या पर शिक्षा विभाग ने चिंता जताई है और इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है। राज्य के विभिन्न जिलों में पढ़ाई छोड़ चुके छात्र-छात्राओं का आकलन कर उसकी खोज की जाएगी। यह भी जाना जाएगा कि किस वजह से इन बच्चों ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है। बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इसके लिए विशेष, तौर पर पहल कर रहा है।
शिक्षा विभाग के पदाधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि विभाग द्वारा अब वैसे मैट्रिक और इंटर पास छात्रों की खोज की जाएगी, जिन्होंने किसी कारणवश पढ़ाई छोड़ दी है। 15 दिन में जिलों से सूची मांगी गई है। पहले फेज में उन छात्र छात्राओं को चिन्हित किया जाएगा जिन्होंने पढ़ाई छोड़ दी है। इस दौरन इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि किस कारण से उन्होंने स्कूल कॉलेज से नाता तोड़ दिया। उसके बाद उन्हें फिर से स्कूल कॉलेज तक पहुंचाने के लिए प्रयास जाएगा। इसके लिए घर घर जाकर चेकिंग की जाएगी ताकि जल्द से जल्द बच्चों को स्कूलों से दोबारा जोड़ा जा सके।
इंटर तक आते-आते घट रही संख्या
बिहार बोर्ड से मैट्रिक करने वाले छात्रों की संख्या हर साल बढ रही है । लेकिन जितने छात्र छात्राएं मैट्रिक पास करते हैं वे सभी वहीं इंटर तक नहीं पहुंच पाते। उनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है। विभाग द्वारा वैसे छात्रों की खोज कर उसे बीबोस अथवा एनआइओएस द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मिलित करवाया जाएगा। जिसका खर्च भी स्वयं सरकार वहन करेगी। पैसों के अभाव में होनहार छात्र उच्च शिक्षा से वंचित न रहे, इसको लेकर विभाग ने यह निर्णय लिया है।
बढ़ेगी महिला ग्रेजुएट की संख्या
इस प्रयास से राज्य में शिक्षा के स्तर में सुधार होगा। लड़कियां इंटर पास करेंगी तो उमसे अधिकांश ग्रेजुएशन की भी पढ़ाई पूरा कर लेंगी। राज्य में महिला ग्रेजुएट की संख्या में इजाफा होगा। ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर लड़कियां अपने बेहतर भविष्य संवार पाएंगी। इसी मकसद से यह योजना चलाई जा रही है।