पटना
कैमूर जिले में मोहनियां के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम) सत्येंद्र प्रसाद के ठिकानों पर हुई छापेमारी में काली कमाई से अकूत संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हुआ है। विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने एसडीएम के तीन ठिकानों पर एक साथ गुरुवार को छापा मारा। आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना, मोहनियां और बेतिया में कार्रवाई के दौरान टीम ने करीब दो करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की। एसडीएम के ठिकानों से आलीशान घर और फ्लैट के अलावा महंगी पिस्टल, गहने और अन्य चीजों के सबूत मिले हैं। सत्येंद्र प्रसाद 2010 बैच के बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। मोहनियां में पदस्थापना के पूर्व में अनुमंडल पदाधिकारी, सीतामढ़ी, गया सदर एवं ग्रामीण कार्य विभाग में भी विशेष कार्य पदाधिकारी के पद पर रह चुके हैं।
सत्येंद्र प्रसाद पर सरकारी सेवा में रहते हुए गलत तरीके से काफी संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। उनके खिलाफ कुल 84 लाख 25 हजार रुपये की गैरकानूनी और नाजायज ढंग से संपत्ति अर्जित करने की विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज है। लगभग 86.41 प्रतिशत से ज्यादा आय से अधिक संपत्ति का मामला बनता है। एसवीयू के मुताबिक, इस मामले में सत्येंद्र प्रसाद के मोहनियां स्थित सरकारी आवास एवं कार्यालय, पटना स्थित फ्लैट तथा बेतिया में इनके आवास और पैतृक स्थान सिरसिया में छापे के दौरान काफी सम्पत्ति के साक्ष्य मिले, जो एफआईआर में बताए गए आरोप की तुलना में कई गुना ज्यादा हैं।
एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद के पटना में आलीशान फ्लैट और दो अन्य घर आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, जिनकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ से अधिक आंकी गई है। तलाशी में अब तक सत्येंद्र प्रसाद तथा उनकी पत्नी के नाम से कई बैंक खाते, एलआईसी एवं एचडीएफसी बैंक में 25 लाख से ज्यादा के निवेश का पता चला है। तेलंगाना के सिकंदराबाद में बैंक खाते और संपत्ति के प्रारंभिक प्रमाण मिले हैं जिसकी जांच होगी। सत्येंद्र प्रसाद ने अपनी बेटी के नाम पर 2019-20 में एलआईसी में 15 लाख की दो पॉलिसी खरीदी है। इनके सरकारी आवास से तीन लाख की अत्याधुनिक नई पिस्टल और 15 लाख के गहने भी मिले हैं।
एसडीएम और उनके परिजनों के मोबाइल जब्त
सूत्रों ने बताया कि एसडीएम सत्येंद्र प्रसाद और उनके परिजनों के निजी मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं, जिनका वैज्ञानिक सत्यापन किया जाएगा। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जैसे कम्प्यूटर, लैपटॉप, आईपैड आदि भी सत्यापन के लिए जब्त किए गए हैं। कुल मिलाकर प्राथमिकी में उल्लेखित संपत्ति से लगभग 150 प्रतिशत से ऊपर धनार्जन का मामला बनता है, जिसकी आगे की जांच में और बढ़ने की संभावना है। गौरतलब है कि सत्येंद्र प्रसाद ने अपने 10 वर्ष की अल्प कार्यवधि में विभिन्न जगह पदस्थापित रहने के दौरान करोड़ों की चल और अचल संपत्ति अर्जित की है।