नालंदा
नालंदा के बिहारशरीफ में रामनवमी के अगले दिन हुई हिंसा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि सोशल मीडिया के जरिये उन्माद फैलाने में पोस्ट की अहम रोल रही है। लोगों को उकसाया गया, एकजुट किया गया और उपद्रव को अंजाम दिया गया।
सोशल मीडिया से फैलाया गया उन्माद
डीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने रविवार को बताया कि मामले की जांच ईओयू कर रही है। जिसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बिहारशरीफ में हिंसा भड़काने के पीछे उपद्रवियों का हथियार सोश मीडिया था। जिसके जरिए लोगों को भड़काऊ पोस्ट किए गए। और लोगों को एकजुट कर उन्माद फैलाया गया।अब तक इस मामले में 15 प्राथमिकी दर्ज है। वहीं 100 नामजद और 104 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
8 दिन बाद इंटरनेट सेवाएं हुईं बहाल
इससे पहले कल बिहारशरीफ में हिंसा के 8 दिन बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी। और लोगों की जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। हालांकि अब भी चार लोगों के एक साथ जमा होने पर पाबंदी है। स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। अब तक पुलिस को नौ भगोड़ों के खिलाफ संपत्ति की कुर्की का वारंट मिला है। फरार आरोपियों के खिलाफ संपत्ति कुर्की की कार्रवाई शुरू हो गई है। जबकि बिहार थाना क्षेत्र में कई आरोपियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।
अबतक 130 लोगों की गिरफ्तारी
बिहारशरीफ में, 130 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और घटनाओं के संबंध में 15 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम लगातार लोगों को सलाह दे रहे हैं कि अफवाहों पर ध्यान न दें। सोशल मीडिया की नियमित निगरानी की जा रही है, और लाउडस्पीकरों के माध्यम से अपील जारी की जा रही है।