सवालों में सुशासन! 5 दिन बाद टूटी जिंदगी की डोर, टूटा अफसर बनने का सपना, परीक्षा देने आए राहुल को लुटेरों ने मारी थी गोली

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पटना

पटना में लुटरों की गोली का शिकार बने BPSC कैंडिडेट राहुल कुमार ओझा की आखिरकार इलाज के दौरान पटना के पारस अस्पताल में मौत हो गई। 5 दिन से वो जिंदगी की जंग लड़ रहा था। लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए। अफसर बनने की हसरत लेकर पटना में परीक्षा देने आए राहुल को लूट के दौरान बदमाशों ने गोली मार दी थी। जिसके बाद उसे पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन जिंदगी और मौत की जंग में मौत जीत गई। और राहुल का अधिकारी बनने का सपना भी हमेशा-हमेशा के लिए टूट गया।

BPSC की परीक्षा देने आया था राहुल
29 मई को राहुल ओझा बीपीएससी की परीक्षा देने पटना गया था। शनिवार रात को बक्सर के ब्रह्मपुर के निमेज गांव का रहने वाला राहुल परीक्षा देने पटना पहुंचा था। और फिर अपने दोस्त के घर जा रहा था। ताकि वो अगले दिन रविवार को परीक्षा में शामिल हो सके। लेकिन इसी दौरान लूट के मकसद से बदमाश आ धमके। मोबाइल और बैग छीनने की कोशिश की। जिसका विरोध करने पर अपराधियों ने राहुल को गोली मार दी। और फिर फरार हो गए। गोली राहुल के पेट में लगी। जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस दौरान बदमाशों ने पान दुकानकार साहिल चौरसिया को भी गोली मारी थी। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। राहुल का 5 दिनों तक इलाज चला। लेकिन ज्यादा खून बह जाने की वजह से आखिरकार पारस अस्पताल में उसकी मौत हो गई।

राहुल को नहीं बचा पाए डॉक्टर
राहुल के परिजनों को इलाज में मोटी रकम चुकानी पड़ी। जमीन बेचकर ट्रीटमेंट कराया। लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं पाए। वहीं परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद पुलिसवाले झांकने तक नहीं है। लेकिन मौत के बाद सांत्वना देने जरुर पहुंचे। जिसको लेकर परिजनों में आक्रोश है। इस घटना ने बिहार में सुशासन सरकार के दावों पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। कि राजधानी में अपराधी इस कदर बेखौफ हैं कि दिनदहाड़े किसी की भी हत्या कर सकते है।

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