मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन की कालाबाजारी के मामले में नया खुलासा हुआ है। इस केस में गिरफ्तार अस्पताल के ओटी सहायक नीलेश ने कागज पर ही कई अफसरों को कुत्ते से कटवा दिया। वह वैक्सीन बेचने के बाद रिकॉर्ड मेंटेन करने के लिए रजिस्टर पर फर्जी मरीजों का नाम दर्ज करता था। इसमें वह कई अफसरों का नाम भी लिख दिया। हालांकि अफसरों का पता गलत अंकित करता था।
ओटी सहायक ने पुलिस को बताया है कि फरवरी से मार्च तक 127 और मार्च से अप्रैल के बीच 497 मरीजों का फर्जी नाम अंकित किया था। इस तरह दो माह में उसने 624 मरीजों का फर्जी नाम रजिस्टर में दर्ज किया। ये बातें नीलेश कुमार को हरियाणा ले जाए जाने से पहले नगर थाने पर मंगलवार रात पुलिस के समक्ष पूछताछ में उसने बताई। सदर अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन कालाबाजारी की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद हरियाणा पुलिस को अवगत कराया जाएगा।
सदर के कई कर्मचारी पुलिस की रडार पर
नीलेश से पूछताछ में आए तथ्यों के आधार पर सदर अस्पताल के कई कर्मचारी इस गोरखधंधे में पुलिस की रडार पर हैं। नीलेश अकेले सारा खेल नहीं करता था। इसमें सेंट्रल स्टोर के भी कई कर्मचारी संलिप्त हैं। नीलेश के कोटेशन पर उसे आसानी से वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाती थी। सवाल यह भी उठ रहा है कि नीलेश सदर अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात था। लेकिन, इमरजेंसी में कुत्ता काटने की वैक्सीन नहीं दी जाती थी। ऐसे में उसे एंटी रैबीज वैक्सीन कैसे आवंटित होती रही। नगर थानेदार श्रीराम सिंह ने बताया कि पूछताछ के बाद सदर अस्पताल से गिरफ्तार नीलेश कुमार को हरियाणा के हिसार की पुलिस मंगलवार की देर रात ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई है।