पटना
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुलाकात सियासी हलके में चर्चा में है लेकिन इसका नतीजा आशाजनक नहीं निकला। लगभग डेढ़ घंटे तक दोनों नेता के बीच बंद कमरे में बात हुई। नीतीश ने नवीन पटनायक से मुलाकात के बाद कहा कि ओडिशा आने का उनका राजनीतिक मकसद था ही नहीं। वह अपने पुराने मित्र नवीन पटनायक से गपशप करने भुवनेश्वर आए थे।
वहीं नवीन पटनायक ने कहा कि मुलाकात में विपक्षी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई। कुल मिलाकर बात बनी नहीं जबकि नीतीश अपने साथ जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह और मंत्री संजय झा को भी लेकर गए थे जो इस तरह की यात्राओं में उनके साथ नजर आते हैं।
नीतीश ने कहा कि नवीन पटनायक से उनका रिश्ता आज का नहीं है। हमारा नवीन बाबू के पिताजी बीजू पटनायक के साथ गहरा संबंध था और जब यह आए तो इनके साथ भी जुड़ गए। हम पहले यहां बराबर आया करते थे। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान मुलाकात नहीं हो रही थी। बीच में एक बार आए भी तो मीटिंग नहीं हुई। हमारी इच्छा थी कि नवीन बाबू से मुलाकात करें इसीलिए आ गया। नीतीश ने हंसते हुए कहा कि बहुत सारे टूरिस्ट ओडिशा आते हैं। हम लोगों के बीच पहले बात हो गई थी। आज तय हो गया तो आ गया।
नीतीश ने साफ किया कि कोई पॉलिटिकल डिस्कशन नहीं हुआ। सिर्फ पुराने रिश्तों पर बात हुई। उन्होंने कहा कि आप लोग किसी पॉलिटिकल बात की चिंता ना करें। हम लोगों का संबंध इतना प्रगाढ़ है कि कोई पॉलिटिकल बात सोचने की जरूरत ही नहीं है। हम लोगों का आपस में बहुत अच्छा संबंध है। इसलिए अन्य लोगों के साथ हमारी तुलना नहीं कीजिए।
नवीन पटनायक से मुलाकात से पहले नीतीश कुमार दिल्ली में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, सीताराम येचुरी, डी राजा, लखनऊ में अखिलेश यादव, कोलकाता में ममता बनर्जी से मिल चुके हैं। नीतीश 11 मई को मुंबई में शरद पवार और उद्धव ठाकरे से भी मिलने जा रहे हैं। इन तमाम मुलाकातों में नवीन पटनायक से मुलाकात ऐसी इकलौती भेंट के तौर पर सामने आई है जिसमें विपक्षी एकता को लेकर कोई बात नहीं हुई या बात हुई तो बनी नहीं।