पटना
बिहार के आईपीएस अधिकारी विकास वैभव और डीजी शोभा अहोतकर के बीच जारी विवाद में नया मोड़ आ गया है। आईजी फायर सर्विसेज व होमगार्ड विकास वैभव ने बिहार सरकार को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होने खुद और परिवार की जान को खतरा बताया है। इसलिए डीजी शोभा अहोतकर के अधीन कार्यालय से उनका ट्रांसफर किया जाय। या फिर मेरा उनकी छुट्टी स्वीकार की जाएं। आईडी विकास वैभव ने अपर मुख्य सचिव को लिखे पत्र में ये सभी बातें कही हैं। साथ ही आरोप लगाया है कि बिहारी कामचोर होते हैं, ये कहकर अपमानित किया जाता है। इसी दुर्व्यवहार के कारण डीआईजी उनके कार्यालय में बेहोश हो गए थे।
2 महीने की मांगी है छुट्टी
2003 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास वैभव वर्तमान में IG होमगार्ड के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने मौजूदा पोस्टिंग को प्रताड़ना बताते हुए वर्तमान पद के प्रभार से मुक्त करने का आग्रह किया है। गृह विभाग को मिली इस चिट्ठी में तारीखों के साथ शिकायतों की जानकारी है। उन्होंने पूरी जानकारी देते हुए DG शोभा अहोतकर के अधीनस्थ काम करने में असमर्थता और डर दिखाते हुए कहीं और ट्रांसफर की मांग की है। और ऐसा तत्काल नहीं होने की स्थिति में दो महीने के उस अवकाश को स्वीकृत करने की गुहार लगाई है, जो वह पहले से दे चुके हैं।
सीएम नीतीश ने दी थी सलाह
इससे पहले इस मामले पर सीएम नीतीश कुमार ने भी नाराजगी जताई थी। मु्ख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि कोई भी अधिकारी हो, उसका काम ट्वीट करना नहीं है। ये सबसे गंदी चीज है, अगर कोई समस्या है तो अपने डिपार्टमेंट या सीनियर लोगों को अपनी समस्या बतानी चाहिए। यही नहीं सीएम नीतीश कुमार ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट भी मांगी।
डीजी शोभा अहोतकर पर लगाए थे आरोप
आपको बता दें 9 फरवरी को आईपीएस विकास ने ट्वीट कर होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर पर गाली गलौज और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। विकास वैभव खुद होमगार्ड आईजी हैं। वरीय अधिकारी की प्रताड़ना से तंग विकास वैभव लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। जिसके बाद डीजी शोभा अहोतकर ने उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है और 24 घंटे में जवाब देने को कहा था।
वरिष्ठ अधिकारी की छवि धूमिल करने का आरोप
आईपीएस विकास वैभव को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि 9 फरवरी से सोशल मीडिया पर आपका एक ट्वीट वायरल हो रहा है। आपने डीजी रैंक की महिला अधिकारी पर गाली गलौज करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके रिकॉर्डिंग की बात कही है। सोशल मीडिया के माध्यम से आपके द्वारा अपने विभाग के वरीय अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1978 के प्रावधानों के विरुद्ध है। आप कार्यालय की बैठकों में हो रही चर्चा की रिकार्डिंग करते हैं। यह आपकी गलत मंशा का परिचायक है।
फिलहाल बिहार की अफसरशाही का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ आईडी विकास वैभव जिद पर अड़ गए हैं। तो वहीं डीजी शोभा अहोतकर भी अपने स्टैंड पर कायम है। ऐसे में देखना होगा कि बिहार पुलिस के इस हाईप्रोफाइल विवाद का अंत कब और कैसे होता है?