कैबिनेट विस्तार से नीतीश ने हाथ खड़े किए; तेजस्वी यादव के पाले में गेंद डाली, बिहार में क्या चल रहा है?

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पटना

बिहार की महागठबंधन सरकार में हर दिन कुछ नया घटनाक्रम होने से सियासी हलचल मची हुई है। ताजा घमासान नीतीश कैबिनेट के विस्तार को लेकर है। कांग्रेस की नए मंत्री बनाने की मांग से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। रोचक बात यह है कि उन्होंने इसका फैसला डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर डाल दिया है। यानी कि नीतीश कुमार की कैबिनेट में किसे मंत्री बनाना है, अब यह उनके डिप्टी तेजस्वी तय करेंगे। कांग्रेस के खेमे में भी संशय पैदा हो गया है कि ऐसी स्थिति में अब क्या किया जाए। वहीं, सियासी जानकार इसे सीएम नीतीश की चतुराई भरी चाल का एक हिस्सा मान रहे हैं। जो भी हो, लेकिन आम जनता के बीच यह सवाल है कि बिहार की महागठबंधन सरकार में आखिर क्या चल रहा है?

बिहार में सात दलों का महागठबंधन है। कहने को तो सभी दल साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन इनके नेताओं के बीच अलग-अलग मुद्दों पर राय नहीं मिल रही है। आरजेडी और जेडीयू के बीच कई मुद्दों पर तनातनी हो चुकी है, इसमें रामचरितमानस और सुधाकर सिंह का मसला प्रमुख है। हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के मुखिया जीतनराम मांझी लगातार शराबबंदी के मुद्दे पर नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इसी तरह वाम दल भी कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ सवाल उठाने से नहीं चूक रहे हैं।

अब कैबिनेट विस्तार को लेकर महागठबंधन में घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस विधायकों की संख्या के आधार पर लंबे समय से दो और मंत्री बनाने की मांग कर रही है। बीते जनवरी महीने में सीएम नीतीश ने कांग्रेस से नए मंत्री बनाने की बात भी कह दी। मगर बाद में तेजस्वी ने उनकी बात काट दी और कहा कि कांग्रेस की मांग पर कोई विचार नहीं हुआ है। फिलहाल राज्य में कैबिनेट का विस्तार नहीं होने वाला है। इसके बाद कांग्रेस ने कहा कि यह नीतीश कुमार की कैबिनेट है, तेजस्वी कौन होते हैं। सीएम ने समाधान यात्रा के बाद मंत्रिमंडल विस्तार का आश्वासन दिया है।

इस मुद्दे पर सियासी बवाल तब मचा, जब हाल ही में खुद नीतीश ने ही कांग्रेस को झटका दे दिया। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि कैबिनेट विस्तार को लेकर वे कुछ नहीं बता पाएंगे। इस बारे में तेजस्वी यादव से पूछिए। यानी कि उन्होंने गेंद तेजस्वी के पाले में डाल दी और नए मंत्री बनाने का फैसला उनपर छोड़ दिया। ऐसे में कांग्रेस और आरजेडी के बीच खींचतान तेज हो गई है।

नीतीश बेसहारा हो गए हैं?

दूसरी ओर, विपक्ष भी इस मामले पर सत्ताधारी दलों पर चुटकी लेने में पीछे नहीं है। रालोजपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने रविवार को कहा कि किसी भी राज्य में कैबिनेट विस्तार का फैसला मुख्यमंत्री ही लेते हैं। मगर बिहार में नीतीश कुमार यह फैसला तेजस्वी यादव पर डाल रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि नीतीश बेसहारा हो चुके हैं। तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम होकर भी मुख्यमंत्री का काम कर रहे हैं।

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