पत्नी का शव कंधे पर रख दूसरे राज्य में कई किमी पैदल भटकता रहा शख्स, मसीहा बनी पुलिस

Uncategorized

नई दिल्ली

ओडिशा के कोरापुट जिले के रहने वाले 35 वर्षीय शख्स को अपनी पत्नी का शव कंधे पर लिये कई किलोमीटर पैदल चलते हुए देखा गया। इस हृदयविदारक घटना के प्रकाश में आने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। जिसके बाद पुलिस टीम की मदद से शख्स को एंबुलेंस मुहैया कराई गई। एंबुलेंस की मदद से वह पत्नी का शव लेकर अपने गांव पहुंचा। यह आदमी अपनी बीमार पत्नी को आंध्रप्रदेश के एक अस्पताल से वापस ऑटो रिक्शा में लौट रहा था लेकिन, रास्ते में ही महिला की मौत हो गई, जिसके बाद रिक्शा चालक ने शख्स को बीच सड़क में ही उतार दिया।

इस शख्स का नाम सामुलू पांगी बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, यह अपनी पत्नी इदे गुरु (30 वर्ष) को इलाज के लिए 100 किलोमीटर दूर पड़ोसी राज्य आंध्रप्रदेश गया था। ओडिशा के कोरापुट जिले के पोट्टांगी का रहने वाले पांगी को अस्पताल वालों ने बताया कि उसकी पत्नी का बचना अब मुश्किल है, इसलिए वह घर पर ही उसकी सेवा करे। जब वह ऑटो रिक्शा में वापस लौट रहा था तो रास्ते में इदे गुरु की मौत हो गई। गांव वापस जाते समय विजयनगरम के पास महिला की मौत हो गई।

इसके बाद, ऑटो चालक ने यात्रा जारी रखने से इनकार कर दिया और शख्स को चेल्लुरु रिंग रोड पर उतार दिया। कोई वाहन न पाने की सूरत में पांगी पत्नी का शव कंधे पर रखकर पैदल की निकल पड़ा। वह जानता था कि अभी उसका गांव 80 किलोमीटर दूर है। कई किलोमीटर चलने के बाद जब राहगीरों की नजर पांगी पर पड़ी तो लोगों का दिल द्रवित हो गया। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद ग्रामीण सर्किल इंस्पेक्टर टीवी तिरुपति राव और सब-इंस्पेक्टर किरण कुमार ने मौके पर पहुंचकर पांगी को मदद मुहैया कराई।

शुरुआत में आंध्र प्रदेश पुलिस को पांगी से बात करने में काफी मुश्किल हुई क्योंकि वो उसकी भाषा समझ नहीं पा रहे थे। बाद में उड़िया समझने वाले एक अन्य व्यक्ति की मदद से पुलिस को पांगी की दुखद कहानी का पता चला।

पहले भी कई मामले आए सामने

यह पहली दफा नहीं है। इससे पहले साल 2016 में, ओडिशा के भवानीपटना में इसी तरह की एक घटना सामने आई थी। ओडिशा के कालाहांडी जिले के रहने वाले दाना मांझी को अपनी पत्नी का शव कंधे पर रखकर चलते देखा गया था। मांझी, अपनी बेटी चांदनी के साथ लगभग 12 किलोमीटर तक पत्नी का शव को अपने कंधे पर पैदल चला था क्योंकि, अस्पताल वालों ने उन्हें शव ले जाने के लिए एंबुलेंस देने से मना कर दिया था।

मार्च 2022 में भी ऐसा ही प्रकरण सामने आया था। ओडिशा के रायगड़ा जिले एंबुलेंस नहीं मिलने पर सुरधर बेनिया नामक एक व्यक्ति को अपने बेटे के शव को कंधे पर लादकर ले जाते हुए देखा गया था। बेनिया के नौ वर्षीय बेटे आकाश को डायरिया होने के कारण रायगढ़ा कस्बे के जिला मुख्यालय अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वह अपने बेटे का शव कंधे पर रखकर डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चला।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *