ट्रैफिक सिग्नल लाल हो तो हॉर्न बजाएगा, लेफ्ट से नहीं चलेगा; यहां का आदमी ऐसा ही है: बिहारियों पर बरसे IAS केके पाठक

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पटना

बिहार के आईएएस अधिकारी केके पाठक का एक वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें वे बिहारियों को अपशब्द कहते हुए नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने डिप्टी कलेक्टर को भी गाली दी। बिहार के लोगों की चेन्नई वालों से तुलना करते हुए IAS अधिकारी ने खूब खरी-खोटी सुनाई। यह वीडियो मध्य निषेध एंव उत्पाद विभाग की आधिकारिक बैठक का बताया जा रहा है। बीजेपी ने आईएएस अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है।

वायरल वीडियो में आईएएस केके पाठक कह रहे हैं, “चेन्नई में आदमी बाएं से चलता है, यहां किसी को बाएं से चलते हुए देखे हो। यहां का आदमी ही ऐसा है। चेन्नई में किसी को लाल लाइट पर हॉर्न बजाते हुए देखे हो, यहां ट्रैफिक में पें-पें करते हुए चलते हैं। रोजाना रोड पर देखते नहीं हो क्या। यहां के डिप्टी कलेक्टर का भी ये ही हाल है। डिप्टी कलेक्टर को भेजो मैं उसका बैंड बजाता हूं।” इस वीडियो में आईएएस अधिकारी केके पाठक ने कई बार गालियां एवं अपशब्द का इस्तेमाल किया, जो हमने यहां नहीं लिखे हैं।

वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया है और लोग केके पाठक की निंदा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में मध्य निषेध एवं उत्पाद विभाग की एक बैठक के दौरान आईएएस ने अपना आपा खो दिया। वे विभाग के अन्य अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने बिहारियों को लेकर तो अपशब्द कहे ही, डिप्टी कलेक्टर को भी गालियां देते हुए खूब लताड़ा। हालांकि, लाइव हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केके पाठक यूपी के रहने वाले हैं और वे 1990 बैच के अधिकारी हैं। उन्हें केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। 2015 में महागठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार केके पाठक को वापस बिहार ले आए थे। वे मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं।

दूसरी ओर, केके पाठक का वीडियो वायरल होने के बाद बिहार में सियासी घमासान मच गया है। बीजेपी ने इसकी निंदा करते हुए IAS अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आईएएस केके पाठक बहुत पढ़े-लिखे विद्वान हो सकते हैं लेकिन लंबे समय तक ब्यूरोक्रेसी में रहने के दौरान ये मानसिक अवसाद और कुंठा से ग्रसित हो चुके हैं। इसका इलाज करवायना चाहिए। ये अधिकारियों को मां-बहन की गाली सड़कछाप गुंडे-मवाली की तरह दे रहे हैं। ये माफी मांगें या इन्हें बर्खास्त किया जाए।

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