मानसून में हिल स्टेशन घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो चले आइए बिहार के इन पहाड़ों पर, ये हैं टॉप टूरिस्ट स्पॉट

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पटना

इस मानसून के मौसम में आप परिवार या दोस्तों के साथ हिल स्टेशन जाने की सोच रहे हैं तो हिमाचल या उतराखंड जाने की जरुरत नहीं है। बिहार में ही कई खूबसूरत हिल हैं जिसे आप एक्सप्लोर कर सकते हैं। यहां के हिल स्टेशन के बारिश और बेहद खूबसूरत लगते हैं। इसके अलावा आपको हिल स्टेशन पर झरने, ऊंचे-ऊंचे पेड़-पौधे समेत कई मन मोह लेने वाले दृष्य दिखेंगे। ये स्पॉट किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां आने से ऐसा लगता है कि आप प्रकृति के गोद में आ गए हैं।

गुरपा हिल

बिहार के गया में स्थित गुरपा हिल बेहद खास है। इस पहाड़ी का दूसरा नाम कुक्कुटपद गिरी भी है। ये झारखंड की सीमा से 50 किलोमीटर दूर स्थित है। गुरपा हिल से प्राकृति के नज़ारे बेहद खूबसूरत लगते हैं। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त की किरणें मन मोह लेती हैं। अगर इस हिल की बात करें तो यहीं पर भगवान बुद्ध के अंतिम शिष्य महाकश्यप को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। पहाड़ी पर एक गुरुपद नाम का मंदिर भी है। इसे लेकर ऐसा माना जाता है कि यहां भगवान विष्णु के पैरों की निशान हैं।  ये हिंदू और बोद्ध दोनों धर्मों के श्रद्धालुओं के बीच लोकप्रिय है।

 

रामशिला हिल

गया के दूसरे पहाड़ी स्पॉट रामशिला पहाड़ी है। विष्णुपद मंदिर से करीब 8 किलोमीटर दूर रामशिला पहाड़ी पल्गु नदी के किनारे है। प्राकृतिक खूबसूरती से भरा ये हिल स्टेशन दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने के लिए खास है। यहां परिवार के साथ आकर आप पिकनिक भी मना सकते हैं। रामशिला पहाड़ी को लेकर ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम ने यहा पिंडदान किया था।

प्राग्बोधि हिल

प्राग्बोधि हिल को लेकर ऐसा कहा जाता है कि जब भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति से पहले वह यहां आकर रुके हुए थे और एक गुफा में ध्यान लगाया था। इस हिल पर मंदिर और कई सारे स्तूप है। जहां बुद्ध की प्रतिकृति है। इस पहाड़ी को धुंगेश्वर भी कहते हैं।

 

घोड़ा कटोरा

राजगीर का घोड़ा कटोरा झील छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। ये स्थान प्राकृतिक संपदा से भरा हुआ है। यहां आने पर आपको बोटिंग करने का भी मजा मिल जाएगा। झील के बीचों-बीच भगवान बुद्ध की एक बड़ी सी प्रतिमा स्थापित है। इस स्थान का संबंध महाभारत काल से बताया जाता है।

कैमूर घाटी

कैमूर हिल करीब 483 किलोमीटर लंबी विंध्य पहाड़ियों का पूर्वी हिस्सा है। ये मध्य प्रदेश के जबलपुर से लेकर बिहार के सासाराम तक फैला हुआ है। इस पहाड़ी पर मध्ययुगीन इतिहास की झलक देखने को मिलती है। पहाड़ियों पर कई पौराणिक अवशेष, किले, मंदिर देखने को मिल जाएंगे। प्रकृति से लगाव  रखने वाले लोगों के लिए ये स्थान किसी जन्नत से कम नहीं है।

मंदार पर्वत

बांका जिले में स्थित मंदार पर्वत बेहद खास है। इसे मदराचंल भी कहा जाता है। इस पर्वत को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है जिसके मुताबिक देवताओं ने समुंद्र मंधन के दौरान इस पर्वत का प्रयोग मथनी के लिए किया था। इसके अलवा जैन धर्म के अनुयायी इस पर्वत को तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य से जुड़ा मानकर पूजा करते हैं। यहां मकर संक्रांति के समय भव्य मेले का आयोजन होता है।

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