कलंक कथाः निगरानी के हत्थे चढ़ा बिहार का यह घुसखोर सीओ, हाफ पैंट में नंगे पांव उठाया; क्यों मांग रहा था रुपए?

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सीतामढ़ी

बिहार में घुसखोर लोकसेवकों पर कार्रवाई का डंडा जारी है। निगरानी विभाग ने उसे काम के बदले घूस लेते रंगे हाथो दबोच लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है। सीतामढ़ी, डुमरा प्रखंड के अंचलाधिकारी चंद्रजीत प्रकाश को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना की टीम ने मंगलवार की सुबह रिश्वतखोरी में रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

सीओ चंद्रजीत प्रकाश बेरवास पंचायत के गौरी शंकर सिंह नामक एक व्यक्ति से  घूस ले रहा था। जानकारी मिली है कि गौरी शंकर की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया गया था। उनकी अतिक्रमित जमीन खाली कराने के नाम पर 25 हजार रिश्वत लेते पकड़े गए हैं। बताया गया कि सीओ ने इस काम के लिए 50 हजार की मांग की गई थी। इससे आहत गौरी शंकर ने निगरानी विभाग से शिकायत की थी। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद आरोप को सत्य पाए जाने पर धावा दल का गठन किया गया। एडवांस में 25 देने की बात तय हो गई थी।

निगरानी विभाग के  डीएसपी गोपाल कृष्णा और पवन कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम पकड़ने के लिए कल से ही जाल बिछाए हुई थी। अहले सुबह डुमरा के कैलाशपुरी स्थित उनके किराए के मकान में घुस लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है। चंद्रजीत प्रकाश मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र के चौसा गांव निवासी है। वें करीब ढाई वर्षों से डुमरा अंचलाधिकारी के पद पर  पदस्थापित थे।

इससे पूर्व डुमरा अंचल कार्यालय में ही सीआई के पद पर थे। उनके द्वारा घूस लिएजाने की बात आम हो गई ती। कहा जा रहा था कि हर काम के लिए वह घूस की मांग करते थे। सीओ बन जाने के बाद उनका रुतबा बदल गया था और रिश्वत की रकम भी बढ़ गई थी।

जानकारी के अनुसार जिले के डुमरा सीओ चंद्रजीत कुमार को निगरानी की टीम ने गिरफ्तार किया है. डुमरा सीओ चंद्रजीत कुमार को निगरानी की टीम ने दबोचा है डुमरा थाना क्षेत्र के कैलाशपुरी स्थित आवास से निगरानी की टीम में सीओ को गिरफ्तार किया. अतिक्रमण हटाने के बाद में सीओ द्वारा ₹50000 की मांग की गई थी. जिसके बाद में गौरी शंकर सिंह द्वारा ₹25000 घूस दिया जा रहा था. इसी दौरान निगरानी की टीम में सीओ को गिरफ्तार कर लिया.।

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