ऐतिहासिक स्थलों से रूबरू होने का है मन तो चले आइए नालंदा, जैन और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए है खास

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नालंदा

बिहार के प्रमुख जिलों में से एक नालंदा है। ये जिला ऐतिहासिक स्थलों के साथ पर्यटन स्थल के लिए जानी जाती है। बौद्ध और जैन धर्म के इस संगम स्थल पर कई धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर हैं। इसके अलावा विश्व की पहली यूनिवर्सिटी होने का गौरव भी नालंदा विश्वविद्यालय के पास है। आज ये विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है। अगर घूमने की बात करें तो नालंदा में म्यूजियम, अशोक स्तूप, पावापूरी मंदिर समेत कई अन्य स्थल हैं। अगर आप भी नालंदा घूमने का मन बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है।

अशोक स्तूप

पहाड़ियों की चोटी पर स्थित अशोक स्तूप नालंदा के प्रमुख स्थलों में से एक है। प्रकृति प्रेमियों को ये स्थान काफी पसंद आएगा। शाम के समय स्तूप के आसपास की सुंदरता और बढ़ जाती है। इसकी संरचना एक पिरामिड की तरह है जिस पर चारों ओर प्रतिमाएं उकेरित हैं।

नालंदा विश्वविद्यालय

नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया की प्राचीन यूनिवर्सिटी में से एक है। आज ये यूनेस्को के विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल है। इस विश्वविद्यालय का जिक्र ह्नेनसांग की यात्रा वृतांत में मिलता है। अगर इतिहासकारों की माने तो इसकी स्थापना 450ईस्वी में हुई थी। उस समय इस विश्वविद्यालय में विश्व के कोने-कोने से विद्यार्थी पढ़ने आते थे। लेकिन 1193 में बख्तियार खिलजी ने आक्रमण कर इस विश्वविद्यायल को नेस्तीनाबूत कर दिया था।

म्यूजियम

अगर आप नालंदा घूमने आते हैं तो म्यूजियम जा सकते हैं। यहां नालंदा की खुदाई के अवशेष देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा संग्रहालय में कई प्राचीन प्रतिमाएं भी रखी हुई हैं। इतिहास में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों के लिए ये स्थान काफी पसंद आएगा।

पावापुरी जल मंदिर

नालंदा जैन धर्म के लिए लोग के लिए भी खास है। यहां 24वें तीर्थंकर भगावन महामीर को समर्पित पावापुरी जल मंदिर है। यहां पर उनके पैरों के छाप देखने को मिल जाते हैं। यहीं पर महावीर को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी। ये मंदिर कमल के फूलों के बीच स्थित है जो देखने में काफी खूबसूरत लगता है।

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