पद्मभूषण शारदा सिन्हा बन सकती हैं अकादमी रत्न, जानिए क्यों खास है यह सम्मान

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पटना

बिहार कोकिला और देश की लोकप्रिय लोकगायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा अकादमी रत्न पुरस्कार की प्रबल दावेदार हैं। संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली की आगामी बैठक में उनके नाम पर गंभीरतापूर्वक विचार होने के आसार हैं। संगीत नाटक अकादमी रत्न (फेलोशिप) राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, धर्म, पंथ या लिंद के भेदभाव के बिना देश का सर्वोच्च कला सम्मान है।

साल 1954 से इस पुरस्कार व सम्मान की शुरुआत हुई थी। अबतक डेढ़ सौ से अधिक लोग इससे नवाजे जा चुके हैं। फेलो को 3 लाख रुपये और ताम्रपत्र मिलता है। इसके अलावा भी अकादमी द्वारा देय अन्य सुविधाएं शामिल हैं। बिहार के जन-जन की प्रिय गायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा को पहले से ही अकादमी पुरस्कार मिला हुआ है। उसके बाद उन्हें पद्मश्री तथा पद्मभूषण से नवाजा गया।

अपने आप में खास है अकादमी रत्न पुरस्कार
एक समय में देश के शीर्ष 40 वरिष्ठतम कलाकार अकादमी रत्न हो सकते हैं। 2010 तक यह संख्या महज 30 तक सीमित थी। वर्तमान अकादमी फेलो में से किन्हीं का निधन होने पर रिक्ति होती है और अकादमी की सामान्य परिषद की बैठक में किसी नाम पर मुहर लगने पर रत्न का चुनाव होता है। फिलहाल तीन जगहें खाली हैं।

दिसम्बर 2022 की बैठक में रिक्त पद भरे गए थे। तब तीजनबाई आदि को इसमें शामिल किया गया था। जानकारी के अनुसार इसी बैठक में नाटककार दयाप्रकाश सिन्हा, दुलाल राय और लोकगायिका शारदा सिन्हा का नाम उठा था। अब रिक्ति होने पर माना जा रहा है कि आगामी जीसी मीटिंग में उनके नाम पर चर्चा होगी। यदि ऐसा हुआ तो 71 वर्षीय शारदा के माध्यम से अकादमी रत्न पुरस्कार पहली बार बिहार के किसी कलाकार को मिलेगा।

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