पटना
सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब यानी नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के कथित घोटाला मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल ताजा आरोप पत्र में तेजस्वी यादव और कंपनियों समेत 17 को आरोपी बनाया गया है। रेलवे में लालू यादव के कार्यकाल में नौकरी के बदले जमीन लिखवाने के कथित घोटाले के मामले में पिछले साल अक्टूबर में पूर्व रेल मंत्री लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, सांसद मीसा भारती समेत अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था। विपक्षी दलों की एकता मीटिंग से पहले तेजस्वी यादव ने 14 जून को आशंका जताई थी कि उनका नाम भी चार्जशीट में जोड़ा जा सकता है।
इस मामले में यह दूसरा आरोपपत्र है और इसमें तेजस्वी के अलावा लालू और राबड़ी का नाम शामिल है। 14 अन्य लोगों के भी नाम शामिल हैं। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि मामले में पहला आरोपपत्र दाखिल होने के बाद सामने आए नए दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर यह आरोप पत्र दाखिल किया गया है। सूत्रों ने कहा कि लालू परिवार के सदस्यों के अलावा सीबीआई ने मामले में एके इन्फोसिस्टम्स और कई बिचौलियों को भी नामजद किया है। आरोप पत्र विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल किया गया है। दूसरा आरोपपत्र इसलिए दाखिल किया गया क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्ट दाखिल होने तक आरोपियों की कथित भूमिका के संबंध में जांच पूरी नहीं हो सकी थी।
कैसे हुआ लैंड फॉर जॉब घोटाला?
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 में यूपीए सरकार में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान बिना किसी विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना के नियमों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन कर पसंदीदा लोगों को रेलवे में नियुक्त किया गया। एजेंसी के मुताबिक रेलवे में नौकरी के बदले में अभ्यर्थियों ने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लालू के परिवार के सदस्यों को बाजार भाव से काफी कम दरों पर जमीन बेची थी। आरोप है कि जमीनें राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं।
रेलवे भर्ती के लिए जारी नहीं हुआ था विज्ञापन
रेलवे में भर्ती के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था। फिर भी जो पटना के निवासी थे… उन्हें मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित अलग-अलग जोनल रेलवे में सब्स्टिट्यूट के तौर पर नियुक्त किया गया था। सीबीआई के मुताबिक इस मामले में पटना में 1,05,292 फुट जमीन लालू यादव के परिवार के सदस्यों ने विक्रेताओं को नकद भुगतान कर हासिल की थी।