अब नहीं होगा रेल हादसा? ओडिशा ट्रेन दुर्घटना से सीख; रेलवे बोर्ड ने पत्र जारी कर 21 बिंदुओं पर दिया निर्देश

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पटना

ओडिशा में हुए भीषण रेल हादसे के बाद संरक्षा को लेकर रेलवे बोर्ड पूरी तरह सख्ती के मूड में है। रेलवे बोर्ड ने ताजा पत्र जारी कर देश के सभी जोन और उससे संबंधित डिविजनों को यह निर्देश दिया है कि रेल पटरियों और सिग्नल की मेंटेनेंस की रिपोर्ट हर दिन तैयार करें और इसे हर हफ्ते रेलवे बोर्ड को भेजें। बोर्ड ने रेल अफसरों को एसी कमरों से बाहर निकलकर गैंगमैन, ट्रैकमैन, जूनियर इंजीनियर और सीनियर सेक्शन इंजीनियर समेत ट्रैक मेंटेनेंस में लगे छोटे बड़े कर्मियों से बात कर संरक्षा से जुड़ी जरुरतें पूरी करने का निर्देश दिया है।

अब रेल अफसरों को हर रेलखंड में उपकरणों की कमी को पूरा करने को कहा गया है। कमी पूरी नहीं होने की स्थिति में उसकी समेकित साप्ताहिक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसे जोन के वरिष्ठ अधिकारियों से साझा किया जाएगा। साथ ही तय समय में कमियों को पूरा भी करना होगा। बोर्ड से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे अब पूरी तरह रेल पटरियों और सिग्नल के मेंटनेंस को लेकर सख्ती की तैयारी में है। नये निर्देशों के अनुसार हर जोन को संरक्षा के सभी मानकों को हर हाल में पूरा करना है।

21 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

रेलवे बोर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर सदस्य एवं रेल मंत्रालय के पदेन सचिव रूप नारायण सुनकर की ओर से जोन के महाप्रबंधकों को जारी पत्र में 21 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक, हर दिन होनेवाले कामकाज और नये निर्माणों के दौरान सख्ती बरतनी होगी। इसमें वरीय अधिकारियों को फील्ड अफसरों और इंजीनियरों से विमर्श करना होगा। ट्रैक पर हो रहे निर्माण कार्यों को तय समय में पूरा करना होगा। पटरी पर लिए गए ब्लॉक को तय समय में हटाया जाएगा। कोई भी काम अधूरा न छोड़ने की हिदायत दी गई है।

रखरखाव में न हो कोताही

रेल पटरियों और सिग्नल की रखरखाव के लिए हर रेलवे जोन और डिवीजन के पास पर्याप्त फंड है। फंड की कमी का हवाला देकर मेंटेनेंस से जुड़े काम और कांट्रैक्ट किसी हाल में न रोकें जाएं। बोर्ड ने कहा है कि हर मंडल और हर रेलखंड में कमियों को चिह्नित करें और उन्हें पूरा कर हर हफ्ते रिपोर्ट भेंजे। बोर्ड ने मंडल रेल प्रबंधकों को कहा है कि उपकरणों का प्रॉपर मेंटेनेंस उनकी पहली प्राथमिकता है। इसलिए उपकरणों को सुरक्षित रखने की पूरी जवाबदेही उनकी होगी।

समर्पित कार्यशैली अपनानी होगी

बोर्ड ने सख्त निर्देश दिया है कि मेंटेनेंस में लगे फील्ड अफसरों को इधर उधर के काम में न लगाएं। वरीय अधिकारी सेक्शन अफसरों से उपकरणों की जरूरत को लेकर बात करें। केवल कमियों को न देखें, उनकी जरूरतों को भी पूरा करें। तय समय सीमा में संरक्षा से जुड़ी कमियों को दूर किया जाए। रेलखंड के डिवीजन इंजीनियरों और सहायक डिविजन इंजीनियरों को यह निर्देश है कि वे ऐसे इंजीनियरों को इनपुट के साथ उपकरणों की कमी की सूची बनाएं। प्रधान मुख्य अभियंताओं को भी रेलवे बोर्ड को कई नसीहतें दी गईं हैं। अकाउंट्स विभाग को यह हिदायत दी गई है कि मेंटेनेंस से जुड़े कार्यों में बेवजह अडंगा न डालें।

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