पटना
पटना में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कामों की रफ्तार इतनी धीमी है कि 6 साल में एक नाला तक नहीं बन पाया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बड़े नालों के पुनर्विकास के लिए शहर के तीन नालों का चयन किया गया था। इसमें मंदिरी नाला, सर्पेंटाइन नाला और बाकरगंज नाला शामिल थे। सबसे पहले मंदिरी नाला का चयन किया गया। वर्ष 2022 में मंदिरी नाला पर दो लेन की सड़क के साथ आरसीसी ड्रेन का निर्माण कार्य पूरा हो जाना था। उस समय उसकी लागत करीब 67 करोड़ की थी। एजेंसी चयन के बाद काम भी शुरू हुआ लेकिन बहुत धीमी गति से काम करने के कारण एजेंसी को हटा दिया गया। एजेंसी को जिस समय हटाया गया उस वक्त तक कुल प्राजेक्ट का मात्र 7 फीसदी ही काम हो पाया।.
पिछले साल हुए स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में मंदिरी नाला प्रोजेक्ट पर संशोधित लागत 95 करोड़ 98 लाख रुपये कर दिया गया। बावजूद इसके मंदिरी नाला प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हुआ। पिछले वर्ष ही सर्पेंटाइन नाला का भी स्मार्ट सिटी के तहत चयन किया गया लेकिन यहां भी काम शुरू नहीं हुआ। तबसे यह प्रोजेक्ट लटका पड़ा है। योजनाएं बनीं और बदलीं लेकिन धरातल पर कोई बदलाव नहीं आया।
पटना शहर में मंदिरी नाला प्रोजेक्ट के तहत पहली सड़क होती जो पूरी तरह से ड्रेन के ऊपर बनती। मंदिरी नाला पर 1233 मीटर की लंबाई में सड़क निर्माण होना था। स्मार्ट सिटी की एबीडी एरिया का पहला प्रोजेक्ट जो छह साल तक लटकता और भटकता रहा। मंदिरी नाला पर 11 मीटर चौड़ी सड़क बननी थी। पांच-पांच मीटर की दो लेन की सड़क प्रस्तावित थी। बीच में आधा मीटर का डिवाइडर बनना था। आयकर गोलंबर से बांस घाट होते हुए अशोक राजपथ तक एक वैकल्पिक स्मार्ट सड़क की योजना है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर शहरवासियों को बड़ी राहत मिलती।
सर्पेंटाइन नाला पर सड़क बनाने का काम शुरू नहीं
पटना स्मार्ट सिटी योजना के तहत सर्पेंटाइन नाला को भी शामिल किया गया। नवंबर 2022 में स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में इसकी मंजूरी मिली थी। इसके बाद डीपीआर तैयार किया गया। टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी थी लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। सर्पेंटाइन नाला पर 59 करोड़ 57 लाख रुपये की लागत से सड़क बनाने की योजना है। इस सड़क को भी मई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य पटना स्मार्ट सिटी ने निर्धारित किया था जो समाप्त हो चुका है। पटेल चौक से तारामंडल तक सपेंर्टाइन नाला पर ड्रेनेज सह सड़क बनना प्रस्तावित है।