व्यावसायिक पढ़ाई में बिहार की लड़कियां आगे, मेडिकल-इंजीनियरिंग के साथ इन क्षेत्रों में दिखा रहीं जलवा

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पटना

बिहार में बेटियां नौंवी से ही कॅरियर के प्रति जागरूक हो रही हैं। दसवीं से व्यावसायिक पाठ्यक्रम के साथ 11वीं-12वीं करके कॅरियर बना रही हैं। इंजीनियरिंग-मेडिकल के अलावा उन पाठ्यक्रमों को ज्यादा तरजीह दे रही हैं, जिनसे रोजगार मुहैया हो सके। सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल, रिटेल और सिक्योरिटी कोर्स उनकी पसंद है। यह बात बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से किये गये एक अध्ययन में सामने आई है।

यह अध्ययन अप्रैल 2023 में किया गया। इसमें सूबे के 156 स्कूलों को शामिल किया गया। यहां पहले बेटियां ब्यूटी और वेलनेस, ट्यूरिज्म आदि का कोर्स करती थीं, लेकिन अब ऑटोमोबाइल, सिक्योरिटी और रिटेल कोर्स में इनकी दिलचस्पी बढ़ी है। बता दें कि बिहार बोर्ड और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम चलाये जाते हैं। ये कोर्स सूबे के 156 स्कूलों में संचालित है। कुल 10 हजार 75 सीटों पर हर साल दाखिला होता है। इसमें छात्रों की अपेक्षा छात्राएं ज्यादा दिलचस्पी ले रही हैं। कुल सीटों पर दाखिला लेनेवालों में 6987 छात्राएं शामिल हैं। इनमें 5794 ने केवल ऑटोमोबाइल, सिक्योरिटी और रिटेल कोर्स में दाखिला लिया है। सिक्योरिटी में 244 छात्रों ने नामांकन लिया, वहीं छात्राओं की संख्या 256 है। ऑटोमोबाइल की बात करें तो इसमें 581 छात्राएं और 44 छात्रों ने दाखिला लिया है। अध्ययन में स्कूली बच्चियों ने बताया खुद रोजगार करेंगे तो पैसे मिलेंगें और शादी का दबाव नहीं होगा। अध्ययन में 90 फीसदी छात्राओं का मानना है कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम करने से नौकरी भी जल्दी मिलती है। बिहार बोर्ड द्वारा पिछले दस साल से वोकेशनल कोर्स चलाया जा रहा है।

वहीं बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से हर साल चयनित स्कूलों में व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू होता है। सूबे में 99 फीसदी निजी स्कूलों में वोकेशनल कोर्स नहीं चलता है। सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा लगतार वोकेशनल कोर्स शुरू करने का निर्देश स्कूलों को दिया जा रहा है, इसके बावजूद स्कूलों द्वारा पहल नहीं की गई है।

48 स्कूलों में और वोकेशनल कोर्स शुरू होंगे

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद सूबे के और 48 स्कूलों में वोकेशनल कोर्स शुरू करेगी। इससे यहां की छात्राओं को फायदा होगा। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद और स्किल डेवलपमेंट ऑथोरिटी में करार हुआ है। इन स्कूलों में विशेषज्ञ शिक्षकों को स्किल डेवलमेंट ऑथोरिटी द्वारा उपलब्ध करवाया जाता है।

हाई स्कूल दयालबाग, नेहालपुर, जहानाबाद से प्रियंका कुमारी ने सिक्योरिटी वोकेशनल कोर्स 2022 में किया। इन दिनों प्राइवेट एजेंसी से जुड़ कर सिक्योरिटी की नौकरी कर रही है। उन्होंने बताया कि ब्यूटीशियन कोर्स में मुझे रुचि नहीं थी। सिक्योरिटी कोर्स से आत्मविश्वास बढ़ा है। घर वाले शादी का दबाव न डाले इस कारण यह कोर्स चुना था।

सीनियर सेकेंडरी स्कूल काजीपुर, सारण से प्रीति कुमारी ने नौवीं में ऑटोमोबाइल कोर्स किया। दसवीं के बाद 11वीं और 12वीं में भी यही कोर्स किया। आज गैरेज चला रही है। उसने बताया कि कार से लेकर बाइक और स्कूटी तक के सारे पार्ट्स की जानकारी है। नौवीं से ही घर वाले शादी का दबाव डाल रहे थे। अब नौकरी कर रही हूं तो मर्जी से शादी करुंगी।

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