बिहार में जिंदा जल गई खाना बना रही महिला, तड़पती मां को बचाने में बेटा 75 प्रतिशत झुलसा

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भभुआ

भभुआ में शॉट-सर्किट से लगी आग से खाना पका रही एक महिला की शनिवार को दर्दनाक मौत हो गई, जबकि उसे बचाने की कोशिश में उसका बेटा गंभीर रूप से झुलस गया। मृतका 55 वर्षीया रेणु देवी चांद नहर चौक की रहनेवाली थी। उसके बेटे 22 वर्षीय दिलीप साह का प्राथमिक उपचार करने के बाद चिकत्सक ने गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया। परिजन उसे लेकर इलाज कराने के लिए वाराणसी चले गए। इस घटना में पीड़ित परिवार को जानमाल की क्षति हुई है।

शॉट-सर्किट से लगी आग

बताया गया है कि रेणु देवी अपने घर में खाना पका रही थी। इसी दौरान शॉट-सर्किट से आग लग गई। आग की लपट इतनी तेज थी कि रेणु देवी का शरीर धू-धूकर जलता रहा। वह तड़पती व इधर-उधर भागती रही। उसका बेटा उसे बचाने के लिए दौड़ा। लेकिन, उसके शरीर का भी 75 प्रतिशत हिस्सा झुलस गया। इस बीच ग्रामीणों ने आग पर काबू पाने की पूरी कोशिश की। जब आग की लपट थोड़ी शांत हुई तो मां-बेटा को  चांदी सीएचसी लाया गया।

बेटा गंभीर हालत में रेफर

अस्पताल के डॉ. अल्ताफ ने स्वास्थ्य जांच कर रेणु देवी को मृत घोषित कर दिया और बेटे का इलाज शुरू किया। लेकिन, उसकी गंभीर हालत को देख उसे रेफर कर दिया। डॉ. अल्ताफ ने बताया कि दिलीप का 75 प्रतिशत शरीर जल गया है। सूचना पर दलबल के साथ थानाध्यक्ष सचिन कुमार अस्पताल पहुंचे और मृतका के शव की रिक्वीजिशन रिपोर्ट बनाने के लिए महिला दारोगा को आदेश दिया। मौके पर जुटे लोगों से घटना की पूरी जानकारी ली।

घटना स्थल पर नहीं पहुंची हायर बिग्रेड वैन

आग लगने की घटना की सूचना जैसे ही मिली, फायर ब्रिगेड की टीम बड़ी गाड़ी लेकर घटना स्थल के लिए रवाना हुई। लेकिन, रास्ता संकीर्ण होने की वजह से गाड़ चांद-भभुआ पथ में ही खड़ी रही। मुख्य सड़क से घटना स्थल की दूरी ज्यादा थी। इस कारण पाइप जोड़ने पर भी उसका पानी वहां तक नहीं पहुंच रहा था। अग्निशमन कर्मी जितेन्द्र कुमार ने बताया कि फोन करके चैनपुर प्रखंड में खड़ी अग्नि शमन की छोटी गाड़ी को मंगाया गया, जिसके बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका है।

फफक पड़ा पति

मृतका का पति मुन्ना साह यह कहते हुए फफक पड़ा कि इस घटना ने तो उसका सारा संसार ही लूट लिया। पत्नी की मौत हो गई। छोटा बेटा जीवन और मौत से जूझ रहा है। खाने, पहने, सोने के लिए घर में जो चीजें थी, सब जलकर नष्ट हो गईं। उसने अंगुली से इशारा कर अपने दिव्यांग बड़े बेटे हरिवंश गुप्ता को दिखाया। वह दरवाजे पर बैठकर रो रहा था। मुन्ना के पड़ोसी बिजली मिस्री पप्पू सहित तमाम लोगों ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ी। पानी डाले जाने पर आग की लपटे और भभक जा रही थी।

कितनी भयावह थी आग?

अस्पताल में जुटे लोगों ने घटना की भयावहता का जिक्र करना शुरू किया तो उनके चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई। ग्रामीण महेन्द्र साह व रमेश साह सहित सैकड़ों लोगो का एक ही प्रयास था कि मां तो मर गयी, पर 75 प्रतिशत जल चुके बेटे दिलीप को जल्दी एम्बुलेंस से हायर सेंटर भिजवाकर किसी तरह बचा लिया जाय। इस ऊहापोह कोई जले दिलीप को एम्बुलेंस में लेटाने के बाद चालक से एसी चालू करने को कह रहा था, तो कोई स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दिलीप को ड्रीप लगवाने में मदद कर रहा था। अस्पताल परिसर में जुटे महिला-पुरुष ईश्वर से उसकी जिंदगी बचाने की प्रार्थना कर रहे थे।

सीएचसी में थानाध्यक्ष सचिन कुमार, एसआई रोमा कुमार, एसआई मो. इरफान शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए भभुआ भिजवाने में जुटे थे। थानाध्यक्ष ने बताया कि आग लगने की घटना में रेणु देवी की मौत हुई और उसका बेटा दिलीप साह गंभीर रूप से झुलस गया है। उसे इलाज के लिए बाहर ले जाया जा रहा है।

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