मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर एक ऐसा युवक घर लौट आया जिसे 8 माह पहले मर गया समझकर दफन कर दिया था। जिले के कुढ़नी की सुमेरा पंचायत के तारसन गांव में अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक मृत मान लिया युवक सही सलामत अपने घर लौट आया। उसे सकुशल देख परिजन फूले नहीं समा रहे थे, दूसरी ओर ग्रामीण आश्चर्यचकित थे। परिजन जिसे मो. एताब मान आठ माह पहले यूपी में दफना आए थे, वह उनके सामने खड़ा था।
युवक के जीवित लौटने की सूचना पर उसे देखने और मिलने के लिए तारसन में दिनभर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। सभी उसके जिंदा लौट आने की कहानी जानने को उत्सुक थे। युवक के पिता मो. याकूब ने बताया कि करीब आठ माह पहले मो. एताब (24) मजदूरी के सिलसिले में दिल्ली जा रहा था। इसी दौरान ट्रेन में मोबाइल चोरी के आरोप में कुछ युवकों की पिटाई की गई। उसे भी चलती ट्रेन से फेंक दिया गया। परिजनों को उस वक्त यूपी पुलिस ने सूचना दी कि उनके पुत्र की मौत ट्रेन से कटकर हो गई है।
यूपी पुलिस ने शव की पहचान करने के बाद जब परिजनों को बुलाया तो घटना के पांच दिन बीत चुके थे। याकूब ने बताया कि शव देखा था, लेकिन सड़-गल जाने के कारण कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा था। पुलिस के बताने पर उन लोगों ने शव लिया उसे मो. एताब मानकर उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर जिले में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया था।
गुरुवार को परिजनों को खबर मिली कि मो. याकूब भगवानपुर स्थित अपनी बहन के घर पहुंचा है। शुक्रवार को उसे गांव लाया गया। मो. याकूब का कहना है कि पुत्र एताब पिटाई के बाद बोलने में असमर्थ है। केवल इशारा से हल्की-फुल्की बात करता है। हालांकि शारीरिक रूप से वह ठीक है।
याद्दाश्त जाने के बाद पहुंचा गुजरात
मामले की जानकारी देते मो. याकूब ने बताया कि मो. एताब अकेले दिल्ली जाने के लिए निकला था। यूपी में ट्रेन में मोबाइल चोरी के आरोप में एताब व अन्य युवकों की जमकर पिटाई कर दी गई थी जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। आरोप है कि पिटाई के बाद एताब व अन्य युवकों को ट्रेन से नीचे फेंक दिया गया था। मो. याकूब ने बताया कि ट्रेन से गिरने के बाद एताब भटकते हुए गुजरात पहुंच गया। उसकी याददाश्त चली गई थी। विक्षिप्त अवस्था में वहां भटकने लगा। भटकने के दौरान वहां के किसी साधु ने उसे मंदिर में रखा। कुछ दिन पूर्व उसने लिखकर अपना पता मुजफ्फरपुर बताया तो साधू ने उसे ट्रेन का टिकट देकर घर भेज दिया।