बिहार में महिला को थाना आने की जरूरत नहीं, घर जाकर FIR लेंगे साइबर थाना के अधिकारी: ADG

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पटना

बिहार में लगातार साइबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए साइबर पुलिस हाई अलर्ट मोड़ पर काम कर रही है। साइबर ठगी के मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए सभी 40 पुलिस जिलों के अलावा 4 रेल क्षेत्र में भी साइबर थाने खोल गए हैं। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैयर हसनैन खान ने बताया कि राज्य में 44 साइबर थानों ने काम करना शुरू कर दिया है। साइबर अपराध के मामलों में अब महिलाओं को थाने आकर शिकायत दर्ज कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बल्कि खुद पुलिस घर जाकर शिकायत दर्ज करेगी।

महिलाओं को थाने जाने की जरूरत नहीं
एडीजी खान ने कहा कि अब किसी महिला को थाने पर बुलाकर एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। बल्कि पुलिस अधिकारी उनके पास जाकर FIR दर्ज करेंगे। ऑनलाइन ठगी, साइबर फ्रॉड, इंटरनेट से जुड़ी किसी शिकायतें साइबर थानों में दर्ज करा सकते हैं। सोशल मीडिया पर महिला और बच्चों से जुड़ी शिकायतों का निस्तारण भी किया जाएगा। एडीजी ने बताया कि साइबर अपराध के ऑपरेशन में शामिल 30 हजार मोबाइल सिम कार्ड को चिन्हित किया गया है। इसमें 10 हजार सिम को बंद करने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। जिससे साइबर क्राइम में एक्टिव तमाम गैंग को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी।

फर्जी मोबाइल नंबर से फर्जीवाड़ा
आपको बता दें हाल ही में बिहार में 2 लाख से ज्यादा संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन को ब्लॉक कर दिया गया था। ये कार्रवाई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर की मदद से की गई है। मोबाइल कनेक्शन के ब्लॉक करने की कार्रवाई उन लोगों पर की गई है। जिनके सरकारी आईडी दस्तावेजों पर नाम अलग-अलग थे। लेकिन फोटो एक जैसी थी। साथ कुछ केस ऐसे भी हैं। जिनके दस्तावेज एक ही हैं, लेकिन फोटो अलग-अलग हैं। बिहार के दो शख्स ऐसे थे जिनके पास 11 हजार मोबाइल कनेक्शन थे। ऐसे मोबाइल नंबर्स से ठगी का खेल खेला जा रहा था। बिहार में बीते कुछ सालों में साइबर फ्रॉड के मामले में काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है। घर बैठे-बैठे लोग जालसाज का शिकार बन जाते हैं। और पता तब चलता है, जब जेब खाली हो चुकी होती है।

 

 

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