पटना
बिहार में खगड़िया के अगुवानी घाट और भागलपुर के सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल का तीन पाया रविवार को बह जाने के बाद इस पुल की डिजाइन और इसके निर्माण की गुणवत्ता दोनों पर फिर से सवाल उठने लगे हैं। इस पुल का निर्माण पथ निर्माण विभाग करवा रहा था जिसके मंत्री तेजस्वी यादव ने आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों का हवाला देते हुए डिजाइन की गड़बड़ी का इशारा किया है।
पुल का शिलान्यास 2014 में और बनाने का काम 2015 में तब शुरू हुआ हुआ था जब नीतीश और बीजेपी की राह अलग हो चुकी थी। पुल को 2020 तक चालू करने की योजना थी। 2015 से 2017 तक आरजेडी सरकार में थी और तब भी तेजस्वी ही पथ निर्माण मंत्री थे। 2017 से 2022 तक नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ सरकार चलाई और इस दौरान पथ निर्माण मंत्री बीजेपी का था।
इस पुल का एक हिस्सा अप्रैल 2022 में आंधी-तूफान में गिर गया था। तब राज्य में जेडीयू-बीजेपी की सरकार थी और विभाग के मंत्री बीजेपी नेता नितिन नबीन हुआ करते थे। तब नितिन नबीन ने कहा था कि यह पुल बैलेंसिंग ब्रिज है जिसकी बैलेंसिग का काम पूरा नहीं हुआ था और आंधी में पिलर पर दबाव बढ़ गया जिसे वो झेल नहीं सका। उन्होंने तब कहा था कि पुल कैसे गिरा, इसी जांच आईआईटी रुड़की और एनआईटी पटना के विशेषज्ञों की टीम करेगी।