राजीव नगर के बाशिंदों की बड़ी जीत! पटना HC ने बुलडोजर ऐक्शन को गलत माना, नीतीश सरकार को देना होगा जुर्माना

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पटना

पटना के राजीव नगर और नेपाली नगर में अतिक्रमण हटाने के नाम पर घरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को हाईकोर्ट ने गलत माना है। पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि पिछले साल राजीव नगर और नेपाली नगर में जिला प्रशासन द्वारा की गई अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई गैरकानूनी थी। अदालत ने मुख्य सचिव को 6 सप्ताह के भीतर इस मामले की जांच करके दोषियों के बारे में कोर्ट को जानकारी देने का आदेश दिया है। साथ ही नीतीश सरकार से कहा है कि जिन लोगों के घरों को प्रशासन ने ढहाया था, उन्हें 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

पटना हाईकोर्ट ने राजीव नगर मामले में फैसला सुनाते हुए गुरुवार को कहा कि स्थानीय लोगों को अदालत में केस दायर करने का अधिकार है। राज्य सरका3र ने दीघा कानून का पालन नहीं किया। स्कीम 2010 को लागू नहीं किया गया। 400 एकड़ जमीन पर भी यह स्कीम लागू होती है। अदालत ने कहा कि राजीव नगर में घरों को ध्वस्त करना कानून गलत है। बगैर किसी को नोटिस दिए कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। एक ओर वहां रहने वालों को सरकार ने सुविधा उपलब्ध कराई, वहीं दूसरी ओर कब्जे को अवैध बता खाली कराने की कार्रवाई की गई। सरकार दीघा स्कीम को लागू करें। सभी को रहने का अधिकार है। संविधान सभी नागरिकों को शांति से रहने का अधिकार देता है।

हाईकोर्ट ने राजीव नगर के बाशिंदों को अतिक्रमण मानने से इनकार कर दिया है। अदालत ने यहा कि स्कीम नेपाली नगर पर भी लागू होगी। कोर्ट स्कीम के बाहर जाकर किसी को रिलीफ नहीं दे सकता। स्कीम के लिए तय कट ऑफ डेट पर कोर्ट ने कहा कि उसे आगे बढ़ना चाहिए। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को इस बारे में कार्रवाई करनी चाहिए। कट ऑफ डेट के पूर्व नेपाली नगर के सभी बाशिंदों को स्कीम का लाभ मिलना चाहिए।

पिछले साल 25 अप्रैल को प्रशासन ने नोटिस जारी कर राजीव नगर और नेपाली नगर के लोगों को घर खाली करने के लिए कहा था। अदालत ने माना कि यह जनरल नोटिस था, जो कानून के तहत सही नहीं है। नागरिकों को उचित समय दिया जाना चाहिए था। उनका पक्ष सुनकर कार्रवाई करनी चाहिए थी।

नीतीश सकार को जुर्माना भरने के आदेश
अदालत ने राज्य सरकार पर नाराजगी जताते हुए नेपाली नगर और राजीव नगर के उन बाशिंदों को जुर्माना देने के आदेश दिए हैं, जिनके घर पिछले साल अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई ढहा दिए गए थे। नीतीश सरकार को बेघर हुए परिवारों को 5-5 लाख रुपये देने पड़ेंगे।

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