पटना
ऑनलाइन नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की वारदातें आम हो गई हैं। ठग सोशल मीडिया के जरिए संपर्क कर घर बैठे काम दिलाने के बहाने लोगों से लाखों रुपये की ठगी कर रहे हैं और अपनी जेबें भर रहे हैं। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की विशेष टीम ने लोगों को ऑनलाइन नौकरी दिलाने के नाम पर ठगने वाले गिरोह के 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। बुधवार को हाजीपुर से विनीत कुमार और सूरज कुमार, पटना के कदमकुआं से प्रकाश चंद्र सिंह, सुधांशु कुमार एवं मानस कुमार को गिरफ्तार किया गया। एक के नाम का खुलासा नहीं किया गया है। इन पर धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र के अलावा आईटी एक्ट में मामले दर्ज किए गए हैं। ये शेल कंपनियां बनाकर उनमें ठगी के रुपये ट्रांसफर करते थे।
सूबे में संभवत यह पहला मामला है जिसमें फर्जी कंपनियां बनाकर रुपये ट्रांसफर कराए गए हैं। इन शेल कंपनियों को बनाने के लिए सीए की पढ़ाई कर रहे मानस कुमार समेत एक अन्य की मदद लेते थे। आरोपियों के बैंक खातों में 80 लाख रुपये के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं। ये पैसे आठ फर्जी कंपनियों के खाते में भी ट्रांसफर किए गए। इसमें शिव शक्ति समाज कल्याण फाउंडेशन, प्रैटेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, अफोर्ट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, एनोमस सॉल्यूशन्स प्रा. लि., शिलादेव सर्विस प्रा. लि., मिश्राबंधु कंस्ट्रक्शन प्रा. लि., चेक फ्लेम सॉल्यूशन प्रा. लि. और कैपबॉटल सर्विस प्रा. लि. शामिल हैं।
ये कंपनियां प्रकाश चंद्र सिंह और अजय कुमार के नाम से हैं। इनके खातों में भी पैसे ट्रांसफर हुए हैं। इस गैंग के तार बंगाल से जुड़े हैं। बता दें कि ईओयू के एसपी सुशील कुमार की देखरेख में यह पूरा ऑपरेशन किया गया।
23 एटीएम-क्रेडिट कार्ड जब्त
आरोपियों के पास से 1.90 लाख कैश, सात मोबाइल, पांच लैपटॉप, 10 आधार कार्ड, नौ पैन कार्ड, 15 चेकबुक, 23 एटीएम एवं क्रेडिट कार्ड, 12 सिम कार्ड आदि बरामद हुए हैं। गैंग के खिलाफ शेखपुरा के ललन कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनसे साढ़े आठ लाख रुपये की ठगी हुई थी।