पटना
दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार सरकार से IPS अमित लोढ़ा के खिलाफ दायर चार्जशीट को रिकॉर्ड में रखने को कहा है। लोढ़ा ने इस मामले में बिहार राज्य द्वारा उनके खिलाफ दायर की गई चार्जशीट और अनुशासनात्मक कार्यवाही को चुनौती दी थी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार की उस याचिका पर केंद्र सरकार और लोढ़ा को भी नोटिस जारी किया जिसमें उनके मामले को केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) की पटना पीठ से नई दिल्ली में इसकी प्रधान पीठ को स्थानांतरित करने को चुनौती दी गई थी। ये आदेश न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति अनूप मेहंदीरत्ता की पीठ ने दिया। मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी।
वेब सीरीज ‘खाकी’ से सुर्खियों में आए
आपको बता दें आईपीएस अमिL लोढ़ा वेब सीरीज ‘खाकी’ और अपनी किताब बिहार डायरीज से चर्चा में आए थे।अमित लोढ़ा पर वेबसीरीज और फिल्म कंपनियों के माध्यम से अपनी काली कमाई को सफेद करने के आरोप लगे हैं। मगध रेंज के IG रहते हुए भी उन पर कई आरोप लगे थे। लोढ़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और IPC की धारा 120 (बी) और 168 के तहत FIR दर्ज है।
काली कमाई को सफेद करने का आरोप
प्राथमिकी में कहा गया है कि लोढ़ा एक स्थापित कहानीकार नहीं हैं और न ही उन्हें किताब लिखने और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करने के लिए अनुमति दी गई है। इन तथ्यों को नज़रअंदाज करते हुए अवैध रूप से कमाई करने और काले धन को सफेद करने के लिए उन्होंने अपने द्वारा लिखी गई एक किताब ‘बिहार डायरी’ का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों का सहारा लेकर एक वेब श्रृंखला ‘खाकी द बिहार चैप्टर’ के निर्माण के लिए किया। अपनी याचिका में, बिहार सरकार ने तबादले के आदेश को चुनौती देने के अलावा कई दलीलों का जिक्र किया।
25 मई को अगली सुनवाई
दूसरी ओर, याचिकाकर्ता के वकील ने तबादले के आदेश को सही ठहराया और कहा कि मुवक्किल को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद पर पदोन्नति से वंचित करने के लिए। बिहार सरकार के वकील से एक सवाल किया, कि क्या लोढ़ा के खिलाफ जारी चार्जशीट रिकॉर्ड में है, वकील ने इसका नकारात्मक जवाब दिया। इसके बाद कोर्ट ने कहा, उचित होगा कि चार्जशीट की एक कॉपी आज से दो दिनों के भीतर रिकॉर्ड पर दाखिल की जाए। अदालत ने वकीलों से सुनवाई की अगली तारीख पर मामले की योग्यता पर बहस करने को भी कहा। अब मामले की सुनवाई 25 मई को होगी।