पटना
सीएम नीतीश कुमार से एक अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में बिहार में सफलतापूर्वक लागू पूर्ण शराबबंदी के अध्ययन के संबंध में आये हुये छतीसगढ़ विधानमंडल दल के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने आज मुलाकात की। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने अध्ययन दल को राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने को लेकर किए गए प्रयासों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
2016 में बिहार में लागू की थी शराबबंदी- नीतीश
इस मौके पर नीतीश कुमार ने कहा कि 9 जुलाई, 2015 को महिलाओं के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसमें महिलाओं ने मांग करते हुए कहा था कि शराब बुरी चीज है, इसे बंद करायें। उस दौरान हमने कहा था कि चुनाव के बाद अगर हमारी सरकार बनी तो राज्य में हम शराबबंदी लागू करेंगे। चुनाव में जीत के बाद सरकार बनी और उसके बाद हमने 5 अप्रैल, 2016 से बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी।
जननायक कर्पूरी ठाकुर ने अपने कार्यकाल में बिहार में शराबबंदी लागू की थी, लेकिन उनके हटने के बाद यह खत्म हो गया था। उन्होंने कहा कि सरकार में आने के बाद से ही हम शराब के खिलाफ अभियान चलाते रहे हैं। शराब के कारोबार से राज्य को 5 हजार करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व के रुप में आमदनी हो रही थी। लेकिन 10 हजार करोड़ रुपए लोगों का शराब पर खर्च हो रहा था।
शराबबंदी लागू होने के बाद लोग उन पैसों का उपयोग अपनी जरुरत के लिए करने लगे। सब्जी, फल, दूध की बिक्री बढ़ी है। लोगों के खान-पान, शिक्षा, रहन-सहन में सुधार हुआ है। समाधान यात्रा के दौरान भी लोगों को सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी के फायदे बताए थे।