पटना
गुजरातियों को ठग कहने वाले बयान को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को फिलहाल अहमदाबाद कोर्ट से राहत मिली है। मामले में कोर्ट ने उन्हें समन नहीं देने का फैसला किया है। अदालत अपने स्तर पर मामले की जांच करेगी। इस मामले के परिवादी से सबूत की मांग की गई है। उन्हें गवाह को पेश करने का आदेश दिया गया है।
सोमवार को इस मामले में गुजरात के अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में सुनवाई थी। तेजस्वी यादव के खिलाफ गुजरातियों को अपमानित करने का आरोप लगाते हुए मानहानि का केस दर्ज कराया गया था। पिछली सुनवाई 1 मई को थी। उसी दिन 8 मई की तारीख तय की गई थी। सूत्रों से जानकारी मिली कि सुनवाई पूरी हो चुकी है। आज यह निर्णय किया जाना था कि अभियुक्त को समन भेज कर हाजिर कराया जाए या कोर्ट इस मामले को जांच के लिए अपने पास रख ले माननीय अदालत ने मामले को जांच के लिए अपने पास रखा है।
इससे तेजस्वी यादव को अहमदाबाद के मेट्रोपॉलिटन कोर्ट के सामने पेश होने से फिलहाल छूट मिल गई है। दूसरी ओर अदालत ने मामले के परिवादी को सबूत पेश करने का आदेश दिया है। मामले में गवाहों को हाजिर करने का आदेश भी कोर्ट में दिया है। सुनवाई के लिए अगली तारीख 20 मई तय की गई है। परिवादी द्वारा पेश किए गए सबूत और गवाहों की रोशनी में आगे की कार्रवाई मेट्रोपॉलिटन कोर्ट द्वारा की जाएगी। फिलहाल तेजस्वी यादव पैसे से बच गए हैं।
बताते चलें कि बजट सत्र के दौरान बिहार विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत करते हुए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुजरातियों को ठग यानी चीटर कहा था। इस मामले में गुजरात के सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारी हरेश भाई ने अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में मानहानि का परिवाद दर्ज कराया था। मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि ऐसे ही बयान देने को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को अपनी सांसदी गवानी पड़ी और सरकारी आवास से भी हाथ धोना पड़ा।