पटना
साल 2019 में मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी पर गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ा झटका लगा। गुजरात के सूरत की जिला अदालत ने 2019 में दायर एक आपराधिक मानहानि केस में राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि कुछ देर बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी। साथ ही सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया। सुनवाई के दौरान राहुल कोर्ट में मौजूद रहे। जिसके बाद अब बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव उनके समर्थन में उतरे हैं। तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी ने राहुल गांधी को घिनौने षड़यंत्र में फंसाया है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा- चक्रव्यूह रच विपक्षी नेताओं पर ED,IT, CBI से दबिश करवाओ फिर भी बात ना बने तो घिनौने षडयंत्र के अंतर्गत विभिन्न शहरों में आधारहीन मुकदमे करवाओ ताकि हैडलाइन मैनेजमेंट में कोई कोर कसर ना रह जाए। यह संविधान, लोकतंत्र, राजनीति और देश के लिए अतिगंभीर चिंता का विषय है।
जेडीयू ने साधी चुप्पी हालांकि इस पूरे मामले पर बिहार महागठबंधन में आरजेडी की सहयोगी जदयू की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और सीएम नीतीश कुमार की भी कोई टिप्पणी इस संदर्भ में अभी तक सामने नहीं आई है।
सत्य ही मेरा भगवान है- राहुल गांधी वहीं इस मामले में सजा के एलान के बाद राहुल गांधी ने भी ट्विटर पर पोस्ट लिखा- और कहा कि “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
क्या है पूरा मामला?
साल 2019 में कर्नाटक में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? इसी बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि राहुल गांधी की ये टिप्पणी पूरे मोदी समाज का मान कम करने वाली है। इसी मामले में सूरत की कोर्ट ने आज फैसला सुनाया। राहुल गांधी की कोर्ट में पेशी के दौरान गुजरात कांग्रेस के कई बड़े नेता उनके साथ मौजूद रहे।