मुजफ्फरपुर से अगवा डॉक्टर का बेटा बरामद, कब लौटेगा पटना का शिक्षक पुत्र?

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पटना

मुजफ्फरपुर से  30 लाख रुपए की फिरौती के लिए अपहृत होमियोपैथिक चिकित्सक एसपी सिंह के पुत्र विवेक कुमार को विशेष टीम ने बरामद कर लिया है। डीएसपी अभिषेक आनंद की विशेष टीम ने आरा में छापेमारी कर बरामद कर लिया है।  अपहरण करने वाले आरा के तीन अपराधियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसमें एक शिक्षण संस्थानों का मालिक बताया जा रहा है।

इस बीच पटना के बिहटा से अगवा शिक्षक पुत्र तुषार की रिहाई का अभी इंतजार किया जा रहा है। पुलिस उसे अभी तक बरामद नहीं कर पाई है। बदमाशों ने उसे छोड़ने के लिए 30 लाख फिरौती की मांग की है। तुषार के परिजन काफी डरे हुए हैं। तुषार के परिजनों से फिर व्हाट्सएप कॉल कर फिरौती की रकम मांगी गई है। बदमाश परिजनों को काफी डरा रहे हैंं।

अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता रवि कुमार डाक्टर के घर में किराएदार है। उसने ही अपहरण की पूरी साजिश रची थी। रात में ही पुलिस ने उसे शक के आधार पर उठा लिया था।  जिस स्कार्पियो से चिकित्सक एसपी सिंह के पुत्र का अपहरण किया गया था, उसे भी पुलिस ने जब्त कर ली है। अपहरण में शामिल दो अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। कांटी के होमियोपैथिक चिकित्सक डॉ एसपी सिंह से अपहरण के बाद काल कर अपराधियों ने 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की थी।

अगवा विवेक की मां ने बताया कि पुलिस से बात हुई है। कहा गया है कि विवेक को बरामद कर लिया गया है। हालांकि उन्होनें बताया कि बेटे से उनकी बात नहीं हुई है। बच्चे के मिल जाने से परिजनों की जान में जान आई है।

पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज और अपराधियों के काल लोकेशन के आधार पर छापेमारी कर अपहृत चिकित्सक पुत्र को बरामद किया। किरायदार रवि से पुलिस को अहम जानकारी मिली। मुजफ्फरपुर एसएसपी राकेश कुमार ने अपहृत चिकित्सक पुत्र की बरामदगी की पुष्टि की है। अपहरण के आठ घंटे के अंदर अपहृत की बरामदगी में डीआईयू की टीम ने अहम भूमिका निभाई है। इस कांड में दो अन्य बदमाश शामिल हैं जिनकी तलाश जारी है।

बता दें कि शुक्रवार को कांटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र  के पास से विवेक को अगवा कर लिया गया था। विवेक डॉ एसपी सिंह की इकलौती संतान है। उसके अगवा हो जाने से परिजन काफी परेशान थे। पुलिस भी इस कांड  से चिंतित थी। दरअसल बदमाशों ने बीच बाजार से विवेक को उठाकर पुलिस को बड़ी चुनौती दी थी। परिजनों से रिहाई के लिए तीस लाख की रकम मांगी गई थी।

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