2024 चुनाव में ओवैसी करेंगे बिहार में खेला, सीमांचल में नीतीश-तेजस्वी को कितनी सीटों का नुकसान?

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पटना

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की जोड़ी को कमजोर करने के लिए कमर कस ली है। ओवैसी शुक्रवार से दो दिवसीय सीमांचल दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे रोड शो और जनसभा को संबोधित करेंगे। 2020 के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य सीमांचल क्षेत्र में ओवैसी की पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन करते हुए 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी AIMIM की पूर्णिया, किशनगंज, अररिया और कटिहार जिले की सीटों पर नजर है।

असदुद्दीन ओवैसी शुक्रवार शाम को सीमांचल पहुंचेंगे। पूर्णिया जिले के अमौर में वे शनिवार को जनसभा को संबोधित करेंगे। इसी दिन किशनगंज के कोचाधामन में भी उनकी रैली होगी। इसके बाद रविवार को वे किशनगंज जिले के लोहागरा और खरखरी में रोड शो करेंगे।

ओवैसी की चार लोकसभा और 24 विधानसभा सीटों पर नजर 
असदुद्दीन ओवैसी की आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बिहार के चार जिलों की सीटों पर निगाहें टिकी हैं। ये जिले हैं अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार। खास बात ये है कि इन चारों जिलों में आबादी मुस्लिम बाहुल्य है। इसे कभी आरजेडी का गढ़ माना जाता था। मगर पिछले विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने भी यहां अपना झंडा गाड़ा और पांच सीटों पर जीत हासिल करके सबको चौंका दिया।

इस बार ओवैसी की सीमांचल की चार लोकसभा और 24 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन का खेल बिगाड़ने की तैयारी है। भले ही ओवैसी की पार्टी सभी सीटों पर जीत न दर्ज कर सकें, मगर आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस समेत अन्य दलों के वोटबैंक में सेंधमारी करके वह बीजेपी नीत एनडीए को फायदा पहुंचा सकती है। इस तरह ओवैसी 2024 और 2025 के चुनाव में बिहार के अंदर बड़ा खेला कर सकते हैं।

सीमांचल की विधानसभा सीटों पर एक नजर
अररिया जिला- नरपतगंज, रानीगंज, फारबिसगंज, अररिया, जोकीहाट, सिकटी
किशनगंज जिला- बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज, कोचाधामन, अमौर, बायसी
पूर्णिया जिला- कसबा, बनमनखी, रूपौली, धमदाहा, पूर्णिया, कोढ़ा
कटिहार जिला- कदवा, बलरामपुर, कटिहार, प्राणपुर, मनिहारी, बरारी।

2020 में ओवैसी ने पांच सीटें जीतकर चौंकाया 
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी बिहार की 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ी। इनमें से 5 पर उसे सफलता हासिल हुई। सीमांचल की अमौर, कोचाधामन, जोकीहाट, बायसी और बहादुरगंज विधानसभा सीट पर AIMIM के मुस्लिम कैंडिडेट जीते थे। हालांकि इनमें से चार विधायक बाद में तेजस्वी यादव की आरजेडी में शामिल हो गए।

इस चुनाव में AIMIM ने सीमांचल की कुछ सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस के वोट काटकर महागठबंधन को नुकसान भी पहुंचाया। किशनगंज विधानसभा सीट पर AIMIM प्रत्याशी ने 41727 और ठाकुरगंज में 18,890 वोट हासिल किए। इसी तरह अररिया, नरपतगंज और बरारी सीट पर भी एआईएमआईएम के कैंडिडेट मुकाबले में तीसरे नंबर पर रहे।

2019 के चुनाव में AIMIM ने किशनगंज में दी टक्कर
2019 के लोकसभा चुनाव में AIMIM ने किशनगंज में अख्तरुल इमाम को मैदान में उतारा था। अख्तरुल ने इस सीट पर कांग्रेस और जेडीयू उम्मीदवारों को कांटे की टक्कर दी। हालांकि, आखिर में कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद जावेद ने जीत दर्ज की, उन्हें 3 लाख 67 हजार वोट मिले। वहीं, AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल इमाम भी 2.94 लाख वोट हासिल करके तीसरे नंबर पर रहे।

मुस्लिम राजनीति के जरिए आरजेडी के वोटबैंक में सेंधमारी
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मुसलमानों को केंद्र में रखकर राजनीति करती है। इसलिए सीमांचल क्षेत्र ओवैसी के लिए मुफीद जगह बन गया है। मुस्लिम बाहुल्य इन चारों जिलों में कभी आरजेडी का दबदबा रहता था। मगर ओवैसी ने लालू-तेजस्वी के वोटबैंक में सेंधमारी करके इस क्षेत्र में अपनी जगह बनाई। अब AIMIM आरजेडी के लिए गले की फांस बन गई है। पिछले साल गोपालगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी ओवैसी ने अपना कैंडिडेट उतारकर आरजेडी को नुकसान पहुंचाया था।

2024 चुनाव में सीमांचल पर पूरे देश की निगाहें
आगामी लोकसभा चुनाव में बिहार के सीमांचल क्षेत्र की देशभर में नजर रहेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में आने के बाद से बीजेपी ने बिहार में चुनाव की तैयारियां शुरू कर दीं। बीजेपी की मुस्लिम बाहुल्य सीमांचल क्षेत्र पर खास नजर है। इसी वजह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले साल पूर्णिया और किशनगंज का दौरा किया था। दूसरी ओर, महागठबंधन भी इस क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने की कोशिश कर रहे है। यही वजह है कि 25 फरवरी को महागठबंधन ने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान से ही अपने चुनाव प्रचार का आगाज किया। अब असदुद्दीन ओवैसी इस क्षेत्र में रोड शो और रैलियां करने जा रहे हैं। आगामी चुनावों में इस क्षेत्र में किस पार्टी और गठबंधन को सफलता हासिल होगी, यह तो वक्त ही बताएगा।

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