पटना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अंत्योदय परिवार और झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले परिवारों को अब दिसंबर तक मुफ्त खाद्यान्न मिलेगा। यह जानकारी खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में दी। उन्होंने बताया कि अंत्योदय परिवारों को 35 किलोग्राम खाद्यान्न दिया जाता है जबकि पूर्विकर्ता परिवारों को 5 किलो अनाज मुफ्त मिलता है। यह योजना दिसंबर तक चलेगी।
8.71 करोड़ पात्रों को मिलेगा लाभ
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लागू करने वाला बिहार पहला राज्य है। यहीं न सिर्फ उचित खाद्यान्न की आपूर्ति हो रही है, बल्कि उपभोक्ताओं की रूचि का भी ख्याल रखा जा रहा है। शाहाबाद क्षेत्र के लोगों को उनकी रूचि के अनुसार अरवा चावल की आपूर्ति की जा रही है। मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत अनुदानित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 85.12 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 74.53 फीसदी आबादी को आच्छादित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार 8.71 करोड़ लाभुकों की अनुमान्यता है। हमारी सरकार ने कमजोर वर्ग के लिए विशेष पहल की है।
45 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य था
उन्होने कहा कि एससी-एसटी के पात्र परिवारों को शत-प्रतिशत इस योजना के तहत शामिल किया गया है। जबकि 45 वर्ष तक की सभी विधवा महिलाओं एवं असहाय व्ययक्तियों को कुछ शर्तों के साथ इस योजना में लाया गया है। इनकी संख्या 1.67 लाख है। मंत्री ने दावा किया है कि इस साल 45 लाख टन धान खरीद का लक्ष्य था, 42 लाख टन से अधिक की खरीद हो चुकी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद से किसानों को काफी राहत मिली है। सामान्य धान के लिए प्रति क्विंटल 2040 रुपया और ए ग्रेड के लिए 2060 रुपये का भुगतान किया गया है।
वन नेशन, वन राशन का मिल रहा लाभ
मंत्री लेशी सिंह ने बताया कि वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का लाभ बिहार में रहने वाले दूसरे राज्य के लोगों को मिल रहा है। दूसरे राज्यों में रहने वाले बिहार के लोग भी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं। राज्य के बाहर बिहार के 16.05 लाख जबकि बिहार के बाहर के 18 हजार लोगों ने इसका लाभ लिया। वंचित परिवारों के लिए नए राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं। अब ये आनलाइन भी बन रहे हैं। जन वितरण प्रणाली की सभी दुकानों पर पाश मशीनें लगा दी गई हैं। इससे उपभोक्ताओं की शिकायतें कम हुई हैं।
1242.03 करोड़ का बजट पास
सदन ने खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के 1242.03 करोड़ के बजट पर सहमति प्रदान कर दी। इसके साथ ही विधानसभा में दो अन्य विभागों का भी बजट पारित किया गया। ग्रामीण कार्य विभाग का 115 अरब 68 करोड़ 91 लाख 35 हजार करोड़ का जबकि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का 781 करोड़ 74 लाख 72 हजार का बजट शामिल है।