नई दिल्ली
नीति आयोग कल यानी शनिवार को H3N2 वायरस और सीजनल इन्फ्लूएंजा को लेकर बैठक करेगा. इस अहम बैठक में वायरस को लेकर राज्यों में मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी. इतना ही नहीं ये भी देखा जाएगा कि किस राज्य में क्या स्थिति है और किस राज्य को किस तरह की केंद्र से सपोर्ट की जरूरत है. केंद्र सरकार का कहना है कि राज्यों को जरूरत पड़ने पर मदद दी जाएगी. वहीं H3N2 वायरस को लेकर केंद्र सरकार ने शुक्रवार को एक स्टेटमेंट भी जारी किया. इसमें माना कि कर्नाटक और हरियाणा में H3N2 की वजह से 1-1 मरीज की मौत हुई है.
केंद्र सरकार ने कहा कि H3N2 वायरस पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. केंद्र सरकार सभी राज्यों में इस वायरस को लेकर IDSP यानी इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के जरिए रियल टाइम बेसिस पर निगरानी रख रही है. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को उम्मीद है कि मार्च के आखिर तक सीजनल इन्फ्लूएंजा वायरस की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी.
H3N2 वायरस से दो मरीजों की मौत
बता दें कि देश में कोविड-19 के बाद एक और जानलेवा वायरस की एंट्री हो गई है. सूत्रों के मुताबिक H3N2 वायरससे देश में दो मौत के मामले रिपोर्ट हुए है. इसके साथ ही इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 90 हो गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भी अब इसे लेकर अलर्ट हो गया है. वायरस से रोकथाम के उपायों को लेकर कोशिशें तेज कर दी गई हैं. उत्तर भारत में इस बीमारी के अधिक मामले आ रहे हैं. खासकर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में इसके मरीज अधिक देखने को मिले हैं. इसके साथ ही देश के दक्षिणी हिस्से कर्नाटक में भी इसके मरीज मिले हैं. कर्नाटक और हरियाणा में तो इससे मौतें भी हुई है.
कोरोना और H3N2 वायरस संक्रमण में एक जैसे लक्षण
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जितने भी मरीज अस्पताल पहुंच रहे है उनमें से अधिकतर 10 से 12 दिनों तक खांसी की शिकायत लेकर आ रहे हैं. ऐसे में सवाल ये है कि क्या ये कोरोना ही है या कुछ और? एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस और इन्फ्लूएंजा दोनों मे एक जैसे ही लक्षण हैं. कोरोना की तरह H3N2 वायरस भी बड़ी तेजी से संक्रमित करता है. इन्फ्लूएंजा के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की कोरोना जांच भी की जा रही है.