लड़की के साथ अपने अश्लील वीडियो के लिए पूर्व विधायक ने रची डबल मर्डर की साजिश, ऐसे राज खुला

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समस्तीपुर

समस्तीपुर में पूर्व मुखिया और उसके एक साथी की गोली माकर हत्या मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। विभूतिपुर में पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह और उनके सहयोगी की हत्या की साजिश पूर्व विधायक ने रची थी। यह खुलासा एसपी विनय तिवारी ने दिल्ली से पूर्व विधायक रामबालक सिंह के भाई लालबाबू सिंह की गिरफ्तारी व पूछताछ के बाद की। घटनास्थल पर ही आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी ने बताया कि  इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के लिए पूर्व विधायक ने अपने भाई के साथ एक कांट्रेक्ट किलर को छह लाख रुपये में हत्या की सुपारी सौंपी थी।

बीते 20 फरवरी को दो बाइक पर सवार चार अपराधियों ने पूर्व मुखिया व उनके सहयोगी की हत्या की। इस मामले में फिलहाल पूर्व विधायक के भाई लालबाबू को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। हत्याकांड में उसकी मुख्य साजिशकर्ता के रूप में भूमिका उजागर हुई है। उसकी गिरफ्तारी के बाद शूटर समेत हत्याकांड में शामिल सभी बदमाशों और साजिश में शामिल लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी में जुटी हुई है।

एसपी ने बताया कि पूर्व विधायक रामबालक सिंह की एक लड़की के साथ आपत्तिजनक स्थिति वाला वीडियो पूर्व मुखिया के पास थी। पंचायत में होने वाले उपचुनाव की तैयारी में जुटा पूर्व मुखिया उस वीडियो को लोगों को दिखा रहा था, जिससे पूर्व विधायक की छवि धूमिल हो रही थी। इसी कारण पूर्व विधायक व उनके भाई ने हत्याकांड की साजिश रची। छह लाख रुपये में शूटर को सुपारी देने के बाद साजिश के तहत पूर्व विधायक और उसके भाई आउट ऑफ स्टेट चले गए। इसके बाद चार अपराधी विभूतिपुर आये और पूर्व विधायक के घर मे ठहरे।

17 और 18 फरवरी को मारने की थी तैयारी

पूर्व विधायक के एक सहयोगी ने सभी के ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था की। हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए चारों अपराधी ने पहले रेकी की। उसके बाद 17 और 18 फरवरी को घटना को अंजाम देने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। 20 फरवरी को पूर्व विधायक के सहयोगी ने मंदिर के पास पूर्व मुखिया के आने का इंतजार किया। पूर्व मुखिया के आने के बाद उसने अपराधियों को सूचना दी। जिसके बाद अपराधियों ने इस घटना को अंजाम दिया।

चार टीम बनी थी अनुसंधान को 

एसपी ने बताया कि दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए रोसड़ा डीएसपी शिवम कुमार के नेतृत्व में चार टीम बनायी गयी थी। टीम को अलग अलग बिंदुओं पर जांच करने की जिम्मेवारी सौंपी गयी थी। एक टीम लगातार घटनास्थल से लेकर पूर्व विधायक के घर तक जगह जगह लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाल रही थी। बार बार सीसीटीवी के फुटेज को देखने के बाद पुलिस को घटना की साजिश और अपराधियों के बारे में जानकारी मिली।

शराब का धंधा करता था पूर्व मुखिया

एसपी ने प्रेस वार्ता में बताया कि हत्या के बाद पुलिस ने पूर्व मुखिया के काम और बैंक एकाउंट की भी जांच की। जिसमे पुलिस को पता चला कि पूर्व मुखिया शराब के धंधे में संलिप्त था। उसके एकाउंट से वैशाली व अन्य जिलों में मोटी राशि का स्थानांतरण किया गया था।

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