लालू यादव के वापस आने से बिहार में हलचल तेज, महागठबंधन में अब ‘तूफान’ थमेगा या ‘बवंडर’ बनेगा?

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पटना

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के किडनी ट्रांसप्लांट के बाद सिंगापुर से भारत लौटने पर बिहार में हलचल तेज हो गई है। महागठबंधन में जेडीयू, आरजेडी और अन्य पार्टियों के बीच जारी आपसी खींचतान जारी है। जेडीयू अपनी सहयोगी आरजेडी से सुधाकर सिंह पर कार्रवाई करने का दबाव बना रही है। वहीं, उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू में बगावत करके आरजेडी से हुई डील को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर आरजेडी एवं कांग्रेस के बीच भी घमासान छिड़ा हुआ है। अब लालू के लौटने से आरजेडी नेताओं का उत्साह बढ़ गया है। उन्हें अब महागठबंधन में जारी खींचतान का हल निकलने की उम्मीद है।

पूर्व कृषि मंत्री एवं आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी को लेकर पार्टी ने उन्हें नोटिस दिया। इस नोटिस का सुधाकर जवाब भी दे चुके हैं, मगर उनपर अभी तक कोई ऐक्शन नहीं हुआ है। कहा जा रहा है कि लालू यादव ही इस पर कोई फैसला लेंगे। लालू अब सिंगापुर से लौट चुके हैं, कयास लगाए जा रहे हैं कि सुधाकर सिंह के खिलाफ कार्रवाई जल्द हो सकती है।
दूसरी ओर, महागठबंधन में शामिल कांग्रेस पार्टी नीतीश कैबिनेट में दो और मंत्री पद की मांग कर रही है। सीएम नीतीश ने पहले कांग्रेस कोटे से नए मंत्री बनाने की बात कह दी थी, लेकिन अब गेंद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पाले में डाल दी है। तेजस्वी यादव कांग्रेस की मांग को दरकिनार कर कह चुके हैं कि राज्य में फिलहाल कोई मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस और आरजेडी के बीच खींचतान तेज हो गई है। लालू यादव के आगामी दिनों में दिल्ली से पटना आने के बाद इस पर चर्चा हो सकती है और समाधान निकल सकता है।

उपेंद्र कुशवाहा पूछ रहे- जेडीयू से आरजेडी की क्या डील हुई?

इन दिनों जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। वे साफ तौर पर कह चुके हैं कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित करके ठीक नहीं किया। साथ ही वे आरजेडी की जेडीयू के साथ क्या डील हुई, उसे भी सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। हालांकि, सीएम नीतीश एवं जेडीयू के अन्य नेता कुशवाहा को पार्टी छोड़कर जाने की नसीहत दे चुके हैं। दूसरी ओर, तेजस्वी यादव इसे जेडीयू का अंदरुनी मामला बताकर कोई भी बयान देने से बच रहे हैं।

2023 में ही बिहार में होगा उलटफेर?

लालू यादव के स्वस्थ होकर भारत लौटने के बाद बिहार के सियासी महकमे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। सूबे की राजनीति के लिए साल 2023 बहुत अहम माना जा रहा है। क्योंकि अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं और सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रीय राजनीति में कदम बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में चर्चा यह है कि सीएम नीतीश, तेजस्वी को कार्यभार सौंपकर देश की यात्रा पर निकल सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा भी संभवतया इसी डील के बारे में चर्चा कर रहे हैं।

सीएम नीतीश ऐलान कर चुके हैं कि 2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन आरजेडी नीतीश के साथ 2023 में ही खेला कर सकती है और उनकी जगह तेजस्वी को मुख्यमंत्री बना सकती है।  लालू यादव के पटना लौटने के बाद यह खेल शुरू हो सकता है।

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