पटना
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में देश का बजट पेश कर दिया है। इस बजट से बिहार के लोगों को भी काफी उम्मीद थी। मगर वित्त मंत्री के बजट भाषण में बिहार के नाम का जिक्र तक नहीं हुआ। इस बजट की सबसे खास बात ये रही कि मिडिल क्लास लोगों को इनकम टैक्स में 7 लाख रुपये की आय तक छूट दी गई है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी कई घोषणाएं हुई हैं। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की आस इस बार भी पूरी नहीं हुई।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन में जाने के बाद से बीजेपी के लिए बिहार प्रमुख राज्यों की सूची में चला गया है। माना जा रहा था कि केंद्र सरकार इस बजट में बिहार के लिए अलग से बड़ी घोषणाएं कर सकती हैं। मगर राज्य को ऐसा कुछ नहीं मिला।
कृषि क्षेत्र को क्या मिला
बिहार के अधिकतर लोगों की आजीविका कृषि आधारित है। ऐसे में किसानों को वित्त मंत्री से खेती-किसानी के क्षेत्र में कई अहम घोषणाएं कीं। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए एग्री स्टार्टअप्स शुरू किए जाएंगे। इससे किसानों को आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने में मदद मिलेगी और उनकी आमदनी बढ़ेगी। मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी इंडस्ट्री को ध्यान में रखते हुए कृषि का बजट बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार कृषि के लिए ओपन सोर्स के तौर पर डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा। साथ ही बाजरा, सामा जैसे मोटे अनाज की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए अन्न योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए राष्ठ्रीय मिलेट्स संस्थान का भी गठन होगा। कृषि उत्पादों के स्टोरेज की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी।
राज्यों के लिए घोषणाएं-
– राज्यों की सहभागिता से पर्यटन को मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जाएगा
– राज्यों को 50 साल के लिए ब्याज मुक्त लोन देने की स्कीम को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. इस साल इस मद में 1.30 लाख करोड़ का बजट प्रस्ताव है.
– अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड बनाया जाएगा जिससे शहरों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए सभी राज्यों के लिए दस हजार करोड़ का बजट प्रस्ताव है.
– राज्य सरकारों को पुराने वाहन और एम्बुलेंस को स्क्रैप करने में सहायता देने का प्रस्ताव है.
– राज्यों में कुल 30 स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर्स स्थापित करने का प्रस्ताव है
– राज्यों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वो अपनी राजधानी में या एक प्रमुख पर्यटन शहर में यूनिटी मॉल बनाएं जिसमें उस राज्य और दूसरे राज्य के बने उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा मिले.
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बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला
बिहार को लंबे समय से विशेष राज्य का दर्जा मिलने की आस इस बार भी धरी की धरी रह गई। इस साल के बजट में भी लोग यह मांग पूरी होने की उम्मीद लगाए बैठे थे। पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्रीय बजट के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए। यह मांग लंबे समय से है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद ही राज्य का सही तरीके से विकास हो सकेगा।
सीएम नीतीश क्या बोले?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे समाधान यात्रा में लगे हुए हैं, अभी तक उन्होंने बजट सुना नहीं। बजट देखने के बाद प्रतिक्रिया देंगे। बिहार के वित्त मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि केंद्रीय बजट में राज्य के लोगों की अपेक्षा पूरी नहीं हुई। बिहार सरकार की ओर से जो-जो मांगें की गई हैं, वो अभी तक अधूरी हैं।