चाचा-भतीजे ने बढ़ाई BJP की टेंशन, पशुपति पारस का हाजीपुर सीट पर समझौते से इंकार, बोले- अब दिल नहीं मिल सकते

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पटना

लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर जहां विपक्ष एकजुट होने की कवायद में जुटा है। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी भी अपने पुराने साथियों को साथ लाने की जुगत में लगी है। लेकिन उससे पहले बीजेपी की पशुपति पारस ने टेंशन बढ़ा दी है। उन्होने चिराग पासवान से सुलह करने से इंकार करते हुए हाजीपुर लोकसभा सीट चुनाव लड़ने के ऐलान भी कर दिया है। और कहा कि दल टूटता है तो जुड़ जाता है, पर दिल टूटता है को मिलना मुश्किल है।

हाजीपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान
दरअसल बीजेपी चाहती है कि पशुपति पारस और चिराग पासवान एक होकर लोजपा से ही हाजीपुर सीट पर चुनाव लड़े। इसी सिलसिले में केद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने अलग-अलग चिराग पासवान और पशुपति पारस से बात की थी। लेकिन पशुपति ने भाजपा के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। लोजपा (राष्ट्रीय) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ने पटना में प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि वह हाजीपुर से ही 2024 में चुनाव लड़ेंगे। वहां की जनता की यही मांग है। हाजीपुर की जनता के साथ मेरा सुख-दुख का नाता है। पारस ने कहा कि उनकी और चिराग पासवान की पार्टी (लोजपा आर) का मिलना मुमकिन नहीं है।

टूटे दल जुड़ सकते हैं, लेकिन दिल नहीं 
उन्होंने कहा कि जब दल टूटता है तो जुड़ जाता है, पर दिल टूटता है तो मिलना मुश्किल है। दूर-दूर तक यह संभव नहीं है। पशुपति पारस ने हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया है। वो इसी सीट से वर्तमान में सांसद हैं। उनके भाई रामविलास पासवान भी इसी सीट से चुनाव लड़ते थे। ऐसे में पारस ने हाजीपुर को परंपरागत सीट बताकर लड़ने की बात कही है। वहीं लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं।

बीजेपी का चिराग को आमंत्रण
18 जुलाई को होने वाली एनडीए की बैठक के लिए चिराग पासवान को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चिट्ठी लिखकर आमंत्रण भेजा है। जिसमें उन्होने चिराग पासवान की लोजपा (आर) को एनडीए का अहम सहयोगी बताया है। वहीं पशुपति पारस कह चुके हैं कि अगर चिराग पासवान एनडीए का हिस्सा बनते हैं, तो वो इसका विरोध नहीं करेंगे, लेकिन स्वागत भी नहीं करेंगे। पशुपति पहले से ही एनडीए का हिस्सा हैं।

चिराग क्या फैसला लेंगे?
आपको बता दें लोजपा (राष्ट्रीय) के 5 सांसद हैं। वहीं चिराग पासवान ने भी अभी पत्ते नहीं खोले हैं। एनडीए की बैठक में शामिल होने के आमंत्रण पर उन्होने कहा कि पार्टी नेता की राय के बाद ही वो इस पर फैसला लेंगे। हालांकि चिराग पासवान अपनी शर्तों (6 लोकसभा व एक राज्यसभा) के साथ भाजपा से बातचीत का मोर्चा खोले ही हुए हैं। उनके फॉर्मूले पर पुष्टि की मुहर बाकी है।

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