पटना: नविश्ता दुबई द्वारा 2 जुलाई को दबिस्तान-ए-अज़ीमाबाद में मुशायरा का आयोजन

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हमारी इच्छा है कि हर साल पटना में नविश्ता के मंच से एक भव्य मुशायरा हो:अहया-उल-इस्लाम “भोजपुरी”

दुबई:

अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगठन नविश्ता, दुबई की संरक्षक और महासचिव अहया-उल-इस्लाम भोजपुरी ने संगठन के उद्देश्यों और लक्ष्यों और उसके प्रदर्शन पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि नविश्ता एक डिजिटल मंच है जिसका उद्देश्य उर्दू साहित्य को बढ़ावा देना है सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म के द्वारा उर्दू साहित्य का प्रचार-प्रसार किया जाए।उर्दू साहित्य को सोशल मीडिया हैंडल्स यानी फेसबुक और यूट्यूब के जरिए दुनिया के कोने-कोने तक पहुंचाया जाए, जहां उर्दू भाषा समझने वाले लोग हों। यह सत्य है कि समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए साहित्य का प्रकाशन एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। और इस बात से तो सभी सहमत होंगे कि सभी जानते हैं कि जब बात भाईचारे और प्यार की आती है तो एक-दूसरे के साथ कदम मिलाकर चलने से ही सफलता मिलती है।

साहित्य मानव समाज का सर्वोत्तम विकास है, साहित्य से जुड़े रहना अपने आप में एक महान लक्ष्य है और इस साहित्य को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रचारित करना उसी लक्ष्य की पूर्ति की दिशा में एक और कदम है।
अहया-उल-इस्लाम भोजपुरी ने पटना के संदर्भ में कहा कि एक जमाने में दबिस्तान अज़ीमाबाद एक सेमिनरी था और यहाँ का साहित्य फलता-फूलता था, जो आज भी स्थापित है, लेकिन वर्तमान में लखनऊ, दिल्ली, हैदराबाद, जयपुर और भोपाल में गोष्ठियाँ और मुशायरा अधिक हो रहे हैं। अधिकांश संदर्भ ज्ञात हैं जबकि पटना अज़ीमाबाद का उल्लेख इस निरंतरता और आवृत्ति के साथ नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि जब हम दुबई में उर्दू को लेकर अच्छे कार्यक्रम कर रहे हैं तो हमारी इच्छा भी अपने शहर में अच्छे और गुणवत्तापूर्ण मुशायरों का प्रचार करने की है। अगर सोशल मीडिया की बात करें तो यह पटना बिहार और भारत तक सीमित नहीं है बल्कि साहित्य की बात दुनिया में हर जगह है और इसके माध्यम से प्रेम और भाईचारे का संदेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नविश्ता के माध्यम से वर्ष 2020 से कार्यक्रम कर रहे हैं।
नविश्ता इन कार्यक्रमों के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के कवियों को एक साथ जोड़ने और प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।नविश्ता ने पिछले साल पटना में एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया था जो काफी सफल रहा था। इस वर्ष पुनः वे इस मुशायरे के साथ पटना में उपस्थित हैं, जिसकी सफलता के लिए आपका सहयोग एवं प्रोत्साहन अति आवश्यक है। हमारी इच्छा है कि हर साल पटना में एक बड़ा मुशायरा आयोजित किया जाए।

डिजिटल सामग्री में साहित्य की प्रस्तुति के संबंध में उन्होंने कहा कि नविश्ता प्रभावी ढंग से अपनी भूमिका निभा रहा है और उन्होंने शिक्षा और प्रशिक्षण में नविश्ता की भूमिका को सक्रिय करने के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने यह भी बताया कि इस साल मुशायरा 2 जुलाई 2023 को पटना के रवीन्द्र भवन में होगा। इस साल मुशायरा मुंबई की साहित्यिक संस्था “अंशाद ” के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। साहित्य प्रेमी इस मुशायरे को नि:शुल्क देख व सुन सकेंगे।उन्होंने मुशायरा में रुचि रखने वालों से 2 जुलाई 2023 को होने वाले मुशायरे में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की है। अहया उल इस्लाम भोजपुरी ने बताया कि इस मुशायरे में कई मशहूर शायरों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें शबीना अदीब, पापुलर मेरठी, जुबैर अली ताबिश, नदीम शाद, आलोक श्रीवास्तव के नाम शामिल हैं। इसके अलावा कई स्थानीय कवियों को भी शिरकत करने का मौका दिया जाएगा। गौरतलब हो कि नविश्ता दुबई की एक साहित्यिक संस्था है जो साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों में प्रेम और भाईचारे के माहौल को बढ़ावा के साथ पूरी दुनिया में प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है।

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