पटना
बिहार में 9.65 लाख भू-जमाबंदियों की फिर से जांच होगी। हालांकि, इन जमाबंदियों को ऑनलाइन किया जा चुका है। विभागीय मंत्री आलोक कुमार मेहता ने यह आदेश दिया है। इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने कहा है कि जमाबंदी पंजी को ऑनलाइन करने के दौरान हुई गलतियों को सुधारने के लिए बना पोर्टल-परिमार्जन कार्यरत है। बिहार में भूमि विवाद एक बड़ी समस्या है। इसकी वजह से हत्या के कांडों में काफी बढ़ोतरी हो गई है।
विभागीय मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि पूरी जांच पड़ताल के बाद ही आगे की जमाबंदी कायम करने का काम किया जाए। विभाग के सचिव जय सिंह ने दो अलग-अलग निर्देश सभी समाहर्ता को जारी किया है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता ने कहा कि इससे गड़बड़ियों पर रोक लगेगी। उन्हें माफिया-दलाल के सक्रिय होने की जानकारी मिली थी। उसके बाद यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि जमाबंदी पंजी में सुधार के लिए बना पोर्टल कार्यरत है। आम लोग इसकी सुविधा का लाभ ले रहे हैं।
भूमि सुधार उप समाहर्ता की अनुमति लेनी होगी
भविष्य में इन छूटी हुई जमाबंदी को डिजिटाइज और ऑनलाइन करने से पहले सीओ को भूमि सुधार उप समाहर्ता की अनुमति लेनी होगी। उक्त छूटी जमाबंदी को ऑनलाइन करने के दौरान अगर किसी हल्का कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी। जिन जमाबंदियों को छूटी बताकर ऑनलाइन किया गया है, उसके भी नियम संगत नहीं पाए जाने पर संबंधित अंचल अधिकारी एवं जमाबंदी रैयत पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।