खगड़िया
आनंद मोहन की रिहाई मामले पर सियासत जारी है। बीजेपी के सवालों के बीच महागठबंधन की सरकार जवाब देने में पीछे नहीं है। आज खगड़िया पहुंचे पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने आनंद मोहन की रिहाई का समर्थन करते हुए कहा कि वो कोई क्रिमिनल नहीं हैं। उन्हें कानून के तहत छोड़ा गया है। वहीं बीजेपी के विरोध पर मांझी ने कहा कि जो लोग आनंद मोहन के रिहाई का विरोध कर रहे हैं, कल तक वही लोग उनसे गले मिल रहे थे। उन्हें छुड़ाने का प्रयास कर रहे थे। जो विरोधी हैं वो तो फैसले का विरोध करेंगे। ये बयान मांझी ने शनिवार को बछौता पंचायत के भिरयाही मुसहरी में गरीब संपर्क यात्रा के दौरान दिया।
आनंद मोहन रिहाई मामले पर सियासी घमासान
आपको बता दें आनंद मोहन की रिहाई मामले पर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर है। सुशील मोदी ने तो लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों पर सियासी हमला बोला। और कहा कि अगर आनंद मोहन निर्दोष थे तो लालू यादव ने उनकी मदद क्यों नहीं की। वो तो तब सीएम थे। उन्होने आगे कहा कि आनंद मोहन की आड़ में 27 अन्य अपराधियों को रिहा कराना नीतीश सरकार का मकसद था। वहीं नीतीश कुमार ने भी पलटवार करते हुए कहा कि यही बीजेपी के लोग 2 महीने पहले आनंद मोहन की रिहाई की मांग कर रहे थे, और आज विरोध पर उतारु हैं।
‘महागठबंधन में विरोधी दल के नेता शामिल होने को आतुर’
वहीं एनडीए में शामिल होने की अटकलों के सवाल पर मांझी ने कहा कि विरोधी दल के ही बड़े-बड़े नेता खुद महागठबंधन में शामिल होना चाहते हैं। ऐसे में एनडीए के साथ जाने का सवाल ही पैदा नहीं होता। आपको बता दें कुछ दिनों पहले ही मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। इस दौरान नीतीश कुमार विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए तमाम दलों के नेताओं से मुलाकात कर रहे थे। जिसके बाद मांझी की एनडीए से नजदीकियों को लेकर सवाल उठ रहे थे।
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने खगड़िया के अलौली प्रखंड में गरीब संपर्क यात्रा के दौरान अमौसी गांव के लोगों की समस्याएं सुनी, और समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान मांझी के साथ हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह बिहार सरकार के मंत्री संतोष मांझी, हम के जिलाध्यक्ष सरोज सदा, पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार यादव आदि मौजूद रहे।