विपक्षी एकता पर बात बढ़ाने के लिए दिल्ली पहुंचे नीतीश, एयरपोर्ट से ही लालू से मिलने के लिए निकले

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पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकता की मुहिम में सात माह बाद मंगलवार की शाम को तीन दिवसीय यात्रा पर फिर दिल्ली पहुंचे हैं। इस दौरान नीतीश कुमार कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं से बात करेंगे। माना जा रहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता पर कोई सहमति बन सकती है। नीतीश कुमार के साथ में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय झा भी गये हैं। दिल्ली एयरपोर्ट से वह सीधे राजद प्रमुख लालू प्रसाद से मिलने सांसद मीसा भारती के आवास पर पहुंचे।

गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अप्रैल के पहले सप्ताह में फोनकर तीन शीर्ष विपक्षी नेताओं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से विपक्षी एकता पर बात की थी।

इससे पहले नीतीश कुमार पांच सितंबर, 2022 को चार दिवसीय यात्रा पर दिल्ली गये थे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई दिलों के शीर्ष नेताओं से मिले थे। मुख्यमंत्री हमेशा कहते रहे हैं कि मैं मेरी इच्छा है कि वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में अधिक-से-अधिक विपक्षी पार्टियां साथ आयें और भाजपा को सत्ता से बेदखल किया जाये।

सीएम ने कहा था : विस सत्र के बाद निकलेंगे 
जनवरी में अपने समाधान यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि अभी हम सभी जिलों में जा कर विकास योजनओं की समीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद विधानसभा चलेगा। विधानसक्षा सत्र के बाद हम विपक्षी एकता को लेकर दिल्ली अथवा अन्य जगहों पर जरूरत के अनुसार जाएंगे।  18 फरवरी को पटना में भाकपा माले के महाधिवेशन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद अब कांग्रेस को आगे आना चाहिए और विपक्षी एकजुटता में देरी नहीं करनी चाहिए। हमलोग इंतजार कर रहे हैं। कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद से उन्होंने कहा कि आपके माध्यम से मैं आपकी पार्टी के नेतृत्व से अपील कर रहे हैं कि वे पहले करें। इस पर सलमान खुर्शीद ने कहा था कि आपकी जो सोच है, वहीं हमारी पार्टी की भी है।

सदस्यता मसले पर राहुल के समर्थन में बोली थी ममता 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राहुल गांधी की संसद की सदस्यता खत्म किये जाने पर उनके समर्थन में बयान दिया था। उन्होंने कहा ता कि आज हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया निम्न स्तर देखा है।

केजरीवाल ने सदस्यता मसले पर भाजपा की आलोचना की
मार्च 2023 के अंतिम सप्ताह में, केजरीवाल विपक्ष के पहले राजनेता थे जिन्होंने संसद से अयोग्य ठहराए जाने के बाद राहुल गांधी के साथ एकजुटता दिखाई और भाजपा की आलोचना की।

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