जातीय गणनाः 216 टुकड़ों में में बंटी बिहारियों की पहचान, बीजेपी का नीतीश सरकार पर प्रहार; अंग्रेजों जैसा काम हुआ

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पटना

बिहार में जाति आधारित सर्वे यानी जातीय गणना शुरू हो चुका है। विपक्षी बीजेपी ने एक बार फिर नीतीश-तेजस्वी सरकार पर जातीय गणना को लेकर हमला बोला है। भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जन्म लेने वालों की एक पहचान को 216 भागों में बांट दिया। सरकार का यह काम अंग्रेजों जैसा है जो फूट डालो, शासन करो की नीति से भारत पर शासन करते थे।

राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र पर काम करते हैं। इसके फलस्वरूप जो एकता, राष्ट्रीयता और सामाजिक समरसता की लहर देश में प्रवाहित हो रही है। पीएम ने अपने प्रयास से जातिवादी ताकतों को जड़ से विचलित कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जाति आधारित सर्वे का काम करवाकर  उसे धक्का पहुंचा रहे हैं।

भाजपा नेता ने आरोप लगाया है कि बिहार में जाति आधारित गणना की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और एक बार फिर से यहां की जनता के अमानवीयकरण की भूमिका रची जा रही है। उन्होंने कहा कि अब हम बिहारियों की पहचान सरकार द्वारा 216 टुकड़ों में विखंडित कर दिया गया है। राज्य के हर नागरि के उपर कोड का ठप्पा लग चुका है। इससे राज्य और समाज का भला नहीं होगा बल्कि कुछ लोगों की राजनैतिक लिप्सा शांत होगी।

ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि भारत में पहली और आखिरी जातीय जनगणना ब्रिटिश सरकार द्वारा 1931 में करवाई गई थी। बिहार सरकार पर विभाजनकारी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि यह बिल्कुल आश्चर्यजनक नहीं है कि यहां की सरकार अंग्रेजों की फूट डालो, राज करो की नीति से प्रेरित है।

पूरे राज्य में 15 अप्रैल से जातीय गणना का दूसरा दौर शुरू होने वाला है। गणना में लगाए कर्मियों की ट्रेनिंग चल रही है। दूसरे चरण में लोगों की कोड के आधार पर गिनती की जाएगी। पहले चरण का काम पूरा हो चुका है जिसमें घरों की पहचान कर उनका नंबरीकरण किया गया था। इसके साथ स्थानीय नजरी नक्शा तैयार किया गया था। इसी के आधार पर दूसरे चरण में कर्मी गणना कार्य करेंगे।

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