पटना
पहले रामचरितमानस पर दिए विवादित बयान और अब सीएम नीतीश कुमार के चरण स्पर्श कर बिहार के शिक्षामंत्री फिर चर्चा में आ गए हैं। और सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। शिक्षामंत्री चंद्रशेखर के सीएम नीतीश के पैर छू कर आशीर्वाद लेने पर बीजेपी ने निशाना साधा है। बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि शिक्षामंत्री सीएम के सम्मान से पैर छुए या चरण वंदना करें क्या फर्क पड़ता है। लेकिन भय, प्रीत, चालाकी, चापलूसी शिक्षामंत्री के चेहरे से दिखती है।
निखिल आनंद ने ट्वीट कर लिखा कि, बिहार के शिक्षामंत्री को भाट-चारण नहीं कहूंगा। ये जातियों के नाम हैं, पूरे समाज का अपमान होगा। कैबिनेट बैठक में सीएम को जवाब देने वाला दांतनिपोर शिक्षामंत्री बिलबिलाता- पिलपिलाता, चरण वंदना में झुक गया। शिक्षामंत्री जी! हिम्मत है तो रामचरितमानस के बयान को सीएम समक्ष दुहरायें।
निखिल आनंद ने एक और ट्वीट किया और लिखा कि बिहार का शिक्षा मंत्री सीएम का सम्मान से पैर छुए या चरण वंदना में दंडवत करें, किसी को क्या फर्क पड़ता है! भय, प्रीत, चालाकी, चापलूसी चेहरे से दिखती है! दबाव में सरेंडर करके संस्कार का ज्ञान मत दीजिए। रामचरितमानस और श्रीराम के अपमान में भी संस्कार दिखता है क्या?
वहीं इस मामले पर शिक्षामंत्री चंद्रशेखर ने जवाब देते हुए कहा कि कुशल नेतृत्वकर्ता, बिहार विश्वकर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनसे उम्र में बड़े हैं, इसलिए उनका पैर छू कर उन्होंने आशीर्वाद लिया। वहीं बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि पुरखों के शिष्टाचार में भी राजनीति तलाशने की कोशिश ओछी मानसिकता की हद है।
दरअसल 29 मार्च को पटना हाईकोर्ट के नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण राजभवन में हुआ था। इसी कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत कई मंत्री पहुंचे थे। इसी दौरान शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने नीतीश कुमार के पैर छूए थे।