पटना
पटना सिटी के आलमगंज थाना क्षेत्र के मेहंदीगंज गुमटी के समीप अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के विरोध में हार्डवेयर दुकानदार अनिल कुमार साव द्वारा खुद को आग लगाए जाने के बाद बीते देर रात एंबुलेंस से दिल्ली ले जाने के क्रम में उनकी मौत हो गई. घटना के बाद से मृतक के घर में मातमी सन्नाटा पसरा है. इस मौके पर मृतक के भाई और घटना में आंशिक रूप से झुलसे अजीत कुमार ने पूरे मामले के लिए रेल प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.
अनिल साव को बचाने के क्रम में उनके सगे भाई अजीत कुमार, आदित्य कुमार और एक पड़ोसी दुकानदार कन्हैया कुमार भी आंशिक रूप से झुलस गए थे. अनिल साव की गंभीर स्थिति को देखते हुए अपोलो बर्न अस्पताल प्रशासन ने उन्हें बेहतर इलाज को लेकर दिल्ली रेफर कर दिया था, लेकिन बीच रास्ते में ही अनिल साव ने दम तोड़ दिया.
नीम की भट्टी मोहल्ला स्थित अनिल साव के घर के पास स्थानीय लोगों की भारी भीड़ इकट्ठी है. घटना से गुस्साए दुकानदारों और स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल काटा था इस दौरान आक्रोशितों ने पुलिस बल पर पथराव भी किया था. सिटी एसडीओ मुकेश रंजन, पटना सिटी एडिशनल एसपी अमित रंजन के अलावे पुलिस बल भी मौके पर मौजूद है.
अजीत कुमार ने बताया कि प्रतिनियुक्त महिला दंडाधिकारी की अनुपस्थिति में रेलवे के अधिकारियों और जवानों द्वारा बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की गई, जिस हादसे में उनके भाई की मौत हो गई. अजीत कुमार ने कोर्ट पर भरोसा जताते हुए कोर्ट का फैसला आने तक प्रशासन से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने की भी मांग की. इस मौके पर अजीत कुमार ने पूरे मामले की जांच किए जाने की मांग दोहराते हुए मोहल्ले के लोगों पर दर्ज हुए प्राथमिकी को वापस लिए जाने की भी मांग दोहराई.
अजीत कुमार ने बताया कि उनकी जमीन रैयती जमीन है, और रेलवे के पास इसका कोई भी कागजात मौजूद नहीं है. मौके पर मौजूद सिटी एसडीओ मुकेश रंजन ने परिजनों के बयान पर पूरे मामले की जांच किए जाने का भरोसा दिलाते हुए विधि संवत कार्रवाई किए जाने का भी आश्वासन दिया. गौरतलब है कि रेलवे की जमीन पर बने अवैध अतिक्रमण हटाने के दौरान बीते गुरुवार को हार्डवेयर दुकानदार अनिल कुमार साव ने अपने शरीर पर थीनर छिड़ककर खुद को आग लगा ली थी.