पटना
बिहार में राजनीतिक घमासान के साथ-साथ प्रशासनिक घमासान तेज हो गया है। आईपीएस विकास वैभव के एक ट्वीट से बिहार पुलिस महकमे में भूचाल की स्थिति बन गई है। होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर और आईजी विकास वैभव के बीच उपजा विवाद सरकारी फाइलों में एक्शन में आ गया है। इस बीच विकास वैभव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
गुरुवार को सीनियर आईपीएस विकास वैभव ने ट्वीट कर पब्लिक डोमेन में अपनी पीड़ा जताई थी। हालांकि विवाद बढ़ने के डर से उन्होंने अपना डिलीट कर लिया लेकिन, उनके विभाग ने इसके लिए उन्हें शो कॉज नोटिस जारी कर दिया है। उनसे 24 घंटे के अंदर नोटिस जस जवाब मांगा गया है। कहा गया है कि अगर संतोषप्रद जवाब नहीं मिला तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले डीजी शोभा अहोतकर ने विकास वैभव की छुट्टी के आवेदन को रद्द कर सरकार के पास भेज दिया है।
अपने सीनियर अधिकारी शोभा अहोतकर से बगावत विकास वैभव को महंगा पड़ सकता है। ट्वीट डिलीट करने के बाद भी पुलिस डिपार्टमेंट उनके खिलाफ एक्शन में है। 9 फरवरी को आईपीएस विकास ने ट्वीट कर होमगार्ड डीजी शोभा अहोतकर पर गाली गलौज और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था विकास वैभव खुद होमगार्ड आईजी हैं। वरीय अधिकारी की प्रताड़ना से तंग विकास वैभव लंबी छुट्टी पर चले गए हैं।
आईपीएस विकास वैभव को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि 9 फरवरी से सोशल मीडिया पर आपका एक ट्वीट वायरल हो रहा है। आपने डीजी रैंक की महिला अधिकारी पर गाली गलौज करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके रिकॉर्डिंग की बात कही है। सोशल मीडिया के माध्यम से आपके द्वारा अपने विभाग के वरीय अधिकारी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है। आपका यह कृत्य अखिल भारतीय सेवा नियमावली 1978 के प्रावधानों के विरुद्ध है। आप कार्यालय की बैठकों में हो रही चर्चा की रिकार्डिंग करते हैं। यह आपकी गलत मंशा का परिचायक है।
कारण बताओ नोटिस में विकास वैभव से कहा गया है कि आपने रिकॉर्डिंग होने की बात खुद कही है। यह ऑफिशल सीक्रेट एक्ट के प्रावधानों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। आपका यह आचरण वरीय पुलिस अधिकारी के आचरण के सर्वथा प्रतिकूल है। और यह आप की अनुशासनहीनता, कर्तव्यहीनता एवं विधि विरुद्ध कार्य का द्योतक है।
नोटिस में कहा गया है कि कृपया आप 24 घंटे के भीतर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें अन्यथा आपके इस आचरण को देखते हुए आप के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा राज्य सरकार से की जाएगी।