नई दिल्ली
तुम्हारे पांव के नीचे जमीन नहीं है, कमाल है कि तुम्हें यकीन नहीं है। पीएम नरेंद्र मोदी ने यह शेर पढ़ते हुए लोकसभा में कांग्रेस पर हमला बोला। पूरी फॉर्म में दिखे पीएम मोदी ने कभी शेर पढ़े तो कभी कहानियां सुनाकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर खूब शब्दबाण छोड़े। राहुल गांधी ने मंगलवार को मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए थे, जिनका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने अपनी प्रवृत्ति के अनुसार ही बात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं कल देखा रहा था कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम और समर्थक उछल रहे थे। खुश होकर कहने लगे कि ये हुई न बात। इनका यह हाल है- ये कह-कह के हम दिल को बहला रहे हैं, वे अब चल चुके हैं। वे अब आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस दौरान काका हाथरसी का भी एक शेर पढ़ते हुए विपक्ष पर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उम्मीदों से भरा देश है। लेकिन कुछ लोग यहां निराशा में डूबे हैं। काका हाथरसी ने ऐसे लोगों के बारे में कहा था- आगा पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन। यह निराशा भी ऐसे ही नहीं आई है। इसके पीछे कारण है। एक तो जनता का हुक्म और दूसरी वह चीज जो सोने नहीं देती, वह है 2004 से 2014 तक अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई थी। इसलिए अब कुछ अच्छा हो रहा है तो निराशा और उभरकर आती है।
बाघ देखकर दिखाने लगे बंदूक का लाइसेंस, प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को खूब सुनाया
एक बार जंगल में दो नौजवान शिकार के लिए गए थे। वे गाड़ी में बंदूक रखकर टहलने लगे। इसी दौरान उन्हें बाघ मिल गया, अब उन्हें लगा कि करें क्या तो उसे लाइसेंस दिखाने लगे। कहने लगे कि मेरे पास बंदूक का लाइसेंस है। इन्होंने भी बेरोजगारी दूर करने के नाम पर कानून ही दिखाया था और पल्ला झाड़ लिया। 2004 से 2014 का दशक आजादी के इतिहास में घोटालों का दशक रहा। यूपीए के वे 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा।
‘जब दुनिया बदल रही थी, तब यहां घोटालों का दशक था’
पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया में तकनीक बदल रही थी, तब इन लोगों ने टूजी घोटाला किया। देश में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए और युवाओं के सामने छाने का मौका था। उस दौरान भी इन लोगों ने घोटाला कर दिया। सदी के दूसरे दशक में घोटाले पर घोटाले हुए। इतने आतंकी हमले हुए कि हर जगह यह डर था कि कोई भी अनजान चीज न छुएं। 2008 का आतंकी हमला हुआ और दहशतगर्दों के हौसले बुलंद हो गए। लोकतंत्र में मैं बहस और चर्चा को जरूरी मानता हूं। लोकतंत्र में आलोचना उसकी मजबूती के लिए है। लोकतंत्र की स्पिरिट के लिए आलोचना एक शुद्धि यज्ञ है। दुर्भाग्य से 9 साल से मैं इंतजार करता रहा, लेकिन आलोचना नहीं बल्कि आरोप ही मिले।
‘कांग्रेस के पतन पर हार्वर्ड में स्टडी, ED ने किया विपक्ष को एक’
विपक्ष की एकता पर भी पीएम नरेंद्र मोदी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष का गीत है- मिले सुर मेरा तुम्हारा। यह एकता ईडी की वजह से हो गई है। ईडी की जांच इन लोगों को एक मंच पर ले आई है। कुछ लोग हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की बहुत बात करते हैं। कल भी इसकी बात हुई थी। बीते सालों में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक बड़ी स्टडी की है। यह है- द राइज ऐंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर और भी बड़ी यूनिवर्सिटीज में अध्ययन होना ही होना है।
मोदी पर भरोसा अखबारों की सुर्खियों से पैदा नहीं हुआ, जीवन खपाया है
दुष्यंत कुमार का शेर पढ़ते हुए पीएम मोदी ने कहा- तुम्हारे पांव के नीचे जमीन नहीं है, कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं है। ये लोग 2014 के बाद से ही कोस रहे हैं कि भारत कमजोर हो रहा है। भारत की कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी पर यह भरोसा अखबारों की सुर्खियों और टीवी पर चमकते चेहरों से पैदा नहीं हुआ। इसके लिए जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए हम जीवन लगा रहे हैं।
राहुल की चुनौती पर बोले मोदी- मैंने जम्मू से आतंकियों को दिया था चैलेंज
पीएम मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी के उत्तरार्ध में मैं भी जम्मू-कश्मीर में यात्रा लेकर चला था। तब आतंकवादियों ने पोस्टर लगाए थे कि हिम्मत है तो यहां आकर तिरंगा फहराओ। मैंने तब जम्मू में भऱी सभा में कहा था कि आतंकवादी कान खोलकर सुन लें, 26 जनवरी को ठीक 11 बजे मैं लाल चौक पहुंचूंगा। फैसला लाल चौक में होगा, किसने अपनी मां का दूध पिया है।
‘किसी ने भी राष्ट्रपति के भाषण का विरोध नहीं किया, यानी सब सहमत’
पीएम मोदी ने कहा कि यह पूरी बहस राष्ट्रपति के अभिभाषण पर थी, लेकिन किसी ने भी उस पर बात नहीं की। किसी ने उनके भाषण की आलोचना नहीं की। राष्ट्रपति जी ने कहा था कि कभी देश दुनिया के सामने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए देखता था। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण को सभी ने स्वीकार किया है। देश के 140 करोड़ लोगों ने राष्ट्रपति के भाषण को सेलिब्रेट किया है।
‘कुछ लोगों को शायद जी-20 की अध्यक्षता से भी दिक्कत है’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे अब तक नहीं लगता था, लेकिन अब लग रहा है कि कुछ लोगों को इससे भी दिक्कत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोरोना काल में भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया। करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन दी गई। 150 से ज्यादा देशों को इस संकट के समय हमने दवाई पहुंची, राशन पहुंचाया। आज विश्व के कई देश हैं, जो भारत का गौरव गान करते हैं। इसी संकट काल में भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने अपनी ताकत दिखाई है और उसकी सराहना दुनिया भर में हो रही है। मैं बाली में था तो वहां भी तारीफ सुनने को मिली।